अमरावती. शहर में कोरोना संक्रमण की रफ्तार दुगनी हो गयी है. रोजाना 300 से अधिक पेशंट मिल रहे है. इतने मरिजों की व्यवस्था के लिए अस्पताल और दवाईयां भी कम पड रही है. मरिजों की संख्या यदि बढ जाती है तो निश्चित ही जिले की स्थिति भयावह होगी. इसलिए जिले में 7 दिन का कडा जनता कर्फ्यू लागू करें ऐसी मांग महानगर चेंबर की ओर से की गई. शुक्रवार को हव्याप्रमंडल के प्रधान सचिव प्रभाकरराव वैद्य के नेतृत्व में ज्ञापन भेजा गया.
क्रिटिकल स्थिति से बचने एकमात्र उपाय
इस समय महानगर चेंबर के सदस्यों ने जिलाधिकारी शैलेश नवाल को बताया कि शहर में मरिजों के लिए बेड नहीं मिल रहे है. दवाईयों की किल्लत है जैसे की रेमीडेसीवीर, फैबीफ्लु टैबलेट की कमी के साथ टोसीलीझोमैब इंजेक्शन की कमी है. पेंशट को दवाईयां व अस्पतालों के लिए घूमने पर विवश होना पड रहा है. आक्सीजन सिलेंडर की भी किल्लत है. आरटी-पीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट 3-4 दिन में मिलती है. तब तक पेशंट को कोरोना अस्पताल में अडमिड नहीं किया जाता जिससे उसकी तबियत क्रिटिकल हो जाती है. प्रशासन काम कर रहा है लेकिन क्रिटिकल स्थिति से बचने एकमात्र उपाय जनता कर्फ्यू घोषित करना है.
डाक्टर हेल्पलाइन घोषित करें
कोरोना पर लगाम कसना न केवल प्रशासन तो सभी की जिम्म्मेदारी है. सेवाएं देते हुए व्यापारी भी कोरोना पाजिटिव हो गये. जिससे व्यापार व सेवा भी प्रभावित हो रही है. मरिजों के लिए डाक्टर हेल्पलाइन की घोषणा करना जरुरी है जिससे होम क्वारंटाइन लोगों को घर से बाहर निकलने की जरुरत नहीं पडेगी. ज्ञापन सौंपते समय महानगरचेंबर के अध्यक्ष सुरेश जैन, जयंत कामदार, अतुल कलसकर, बकुल कक्कड, सुदीप जैन, महेश पिंजानी, आत्माराम पुरसवानी, सुरेंद्र पोपली, एचवीपीएम के सचिव रवींद्र खांडेकर, एड. प्रशांत देशपांडे, प्रशांत वानखडे, संजय तिरथकर, मुन्ना राठोड, मनिष जोशी आदि उपस्थित थे.
शीघ्र करें लॉकडाउन या जनता कर्फ्यू
शहर समेत जिले में बढ़ते कोरोना संक्रमण की चेन को ब्रेक करने के लिये लॉकडाउन अथवा जनता कर्फ्यू लगाने की मांग को लेकर शिवसेना जिला प्रमुख सुनील खराटे ने शुक्रवार को कलेक्टर से गुहार लगाई. उन्होंने अकोला व खामगांव में लॉकडाउन किये जाने की जानकारी से भी अवगत कराया. स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिये यह अत्यंत आवश्यक है. जिलावासी भी इसके लिये पूरी तरह से सहमत होने की बात स्पष्ट की.