दर्यापुर: दर्यापुर तहसील में जारी भीषण जल किल्लत को लेकर प्रहार के कार्यकर्ता आक्रामकता दिखाते हुए शनिवार को जीवन प्राधिकरण के कार्यालय में धमके. इन कार्यकर्ताओं ने अधीक्षक अभियंता को 2 दिनों का अल्टिमेटम दिया. पेयजल के लिए 2 किमी तक पैदल चलने पर मजबूर इन आंदोलनकारियों ने निवेदन देते हुए बताया कि वर्ष 2006-07 में अंजनगांव सुर्जी व दर्यापुर शहर सहित 156 गांवों के लिए सामूहिक जलापूर्ति योजना क्रियान्वित की गई थी.
शिंगनापुर के पास टाकरखेड़ा के ऊपरी हिस्से के अंतिम गांव तक इसमें शामिल किए गए. लेकिन इनमें से 79 गांवों में अनियमित जलापूर्ति जारी है. जिससे गांववासियों को 2 किलोमीटर तक पैदल चलकर हैंडपम्पों का खारा पानी लाकर पेयजल के रूप में उपयोग करना पड़ रहा है. जिससे लोगों के स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है. प्रहार के प्रदीप चौधरी, वैभव कावरे व प्रदीप वड़तकर नेतृत्व में अनेकों बार इस समस्याओं को लेकर आंदोलन किये गए.
पाइप लाईन का काम रफ्तार से
जिसके बाद 50 लीटर क्षमता वाली स्वतंत्र टंकी लगायी गई. पाइपलाइन का काम भी रफ्तार पर है. लेकिन 156 गांव सामूहिक जलापूर्ति योजना के तहत जोडे गए कई गांव में पेयजल के लिए हाहाकार है. इस समय मजीप्रा के अधिकारियों ने यह गांव भी जल्दी ही 30 जून तक योजना से जोड़ने का आश्वासन दिया.
तब तक विषेश योजना से 10 मई से सुचारू जलापूर्ति का आश्वासन दिया है. विशेष बात है, शहानुर के समीप स्थित जल शुद्धिकरण केन्द्र से योजना 156 को जलापूर्ति की जाती है. लेकिन 79 गांव को भी अब इसी से जोडा जा रहा है. जिससे अब इस पर 279 गांव में जलापूर्ति का दबाव होगा.