Independents have become a standstill, a blow to those who want to fight independently from the tri-member division

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अमरावती. स्वच्छ महाराष्ट्र अभियान के अंतर्गत निर्माण किए गए शौचालय के बिल का फर्जीवाड़ा 2 करोड़ से अधिक का होने का तथ्य कोतवाली पुलिस जांच में सामने आया है. प्रकरण करोड़ों का होने से सोमवार को डीसीपी शशिकांत सातव के आदेश पर जांच आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) को सौंपी है. आर्थिक शाखा के पीआय शरद कुलकर्णी प्रकरण की जांच करेंगे.

अधिकारियों के बयान में तथ्य
स्वच्छ महाराष्ट्र अभियान के तहत कुल 1,852 शौचालय की निर्मिति हुई थी, जिसमें से 1,412 शौचालय निर्माण के लिए 2 करोड़ से अधिक का बिल मनपा की ओर से संबंधित ठेकेदारों को अदा किया गया, जबकि शेष 440 शौचालय निर्माण का बिल हाल ही में मनपा में पेश किया गया. बिलों की जांच करने पर अधिकारी व कर्मचारियों के फर्जी हस्ताक्षर होने का तथ्य सामने आया. फर्जी बिल के आधार पर 74.80 लाख रुपए हड़पने का प्रयास करने के तहत कार्यालयीन अधीक्षक ज्ञानेश्वर अडूले की रिपोर्ट पर दक्षिण जोन कनिष्ठ लिपिक अनूप सारवान तथा कनिष्ठ लिपिक संदीप रायकवाड के खिलाफ मामला दर्ज किया.

पुलिस ने कार्यालयीन अधीक्षक समेत अन्य अधिकारियों के बयान दर्ज किये, जिसमें 74.80 लाख की तरह इससे पहले संबंधित ठेकेदार को शौचालय निर्माण के लिए 2 करोड़ से अधिक का बिल अदा किए जाने की जानकारी सामने आयी. करोड़ों रुपए की जालसाजी होने का तथ्य सामने आने से जांच आर्थिक अपराध शाखा को सौंपी है.

होगा पर्दाफाश
मनपा से 2 करोड़ के बिल पहले ही अदा किए जाने का तथ्य सामने आने से यह प्रकरण कोतवाली पुलिस से लेकर ईओडब्ल्यू को सौंपा गया है. आर्थिक अपराध शाखा प्रकरण जांच करेगी.-शशिकांत सातव, डीसीपी