- घर-घर में होगी मातारानी की आराधना
वरुड/मोर्शी/दर्यापुर. कण-कण में ईश्वर, क्षण-क्षण में ईश्वर जैसी आस्था के चलते कोरोना काल के कड़े नियमों के बावजूद गुरुवार से आरंभ होनेवाले नवरात्रोत्सव को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में भक्तों का उत्साह चरम पर है. मंदिरों में पुजारियों व ट्रस्टियों की उपस्थिति में मंत्रोच्चार के साथ घट स्थापना, महाआराती, पूजन होगा. हालांकि भक्तों को प्रवेश नहीं मिलेगा. लोग अपने अपने घरों में घट स्थापना व माता की आराधना के साथ नवरात्रोत्सव मनाने तैयार है.
बाहर से कर सकेगें माता के दर्शन
वरुड के केदार चौक स्थिति सति माता दुर्गामां मंदिर में हर वर्ष उत्साह के साथ नवत्रोत्सव मनाया जाता है लेकिन इस बार मंदिर संस्थान अध्यक्ष मनोहर यावले की उपस्थिति में शनिवार को सबेरे घट स्थापना होगी. मंदिर के द्वारा आम लोगों के लिए बंद रहेगें. लेकन जाली के दरवाजे के बाहर से भक्त माता के दर्शन कर सकेगे. मंदिर को सजाया गया है. रौशनाई की गई है. इसी तरह पिंपलागढ के प्रसिध्द प्राचिन मंदिर में भी घट स्थापना होगी. यहां का माता मंदिर को दरवाजे ही नहीं लगाए गए है. जिससे यहां भक्त मंदिर में जा सकते है. अतयाधिक दुर्गम गांव में मंदिर होने के कारण यहां भक्तों की भीड होने की संभावना नहीं है. केवल ग्राम वासी ही यहां घट स्थापना व पूजन करते है.
माहुली माता मंदिर में फाटक ही नहीं
दर्यापुर के आशा मनिषा देवी मंदिर में ट्रस्टी जटाले के हाथों घट स्थापना की जाएगी. महाआरती, पूजन व अनुष्ठान होंगे. मूर्तिजापुर रोड स्थिति प्राचिन इच्छापूर्ति मंदिर के प्रति भी भक्तों की अगाध श्रध्दा है. हर वर्ष हजारों लोग यहां दर्शन के लिए आते है. लेकिन इस बार मंदिर में ट्रस्टी विजय पनपालिया व संजय पनपालिया के हाथों पूजन व घट स्थापना होगी. मंदिर के पट आम भक्तों के लिए नहीं खोले जाएगें. सभी नियमों का कडाई से पालन होगा. माहुली गांव स्थिति माहुली माता मंदिर स्वयंभू माना जाता है. इस मंदिर में भी फाटक नहीं होने से गांव वासी मिलकर घट स्थापना व पूजन करेगे.
पिंगलादेवी में होगी घट स्थापना
मोर्शी के नेरपिंगलाई में पिंगलागढ़ वासिनी मां दुर्गा के मंदिर में हर वर्ष दूर दराज से लाखों भक्त माता के दर्शन के लिए आते है. हजारों परिवार की कुलदेवी है. नवरात्रों अवसर पर यहां मेला लगता है. लेकिन इस बार शासन के नियमों के चलते किसी तरह के उत्सव की तैयारी नहीं है. मंदिरों को सजाया गया है रौशनाई की गई है. लेकिन केवल मंदिर संस्थान के पदाधिकारी ही सादगी से मंदिर में पूजन व घट स्थापन करेगे. अन्य मंदिरों में भी इसी तरह नवरात्री पर्व मनाया जाएगा.