- आनलाइन पर दारोमदार
अमरावती. ठीक 22 मार्च 2020 का दिन संपूर्ण भारत वर्ष में कोरोना लाकडाउन के रूप में दर्ज हो गया है. देशवासियों ने पहली बार लाकडाउन देखा. शुरुआत में सहज लगने वाला लाकडाउन अगले छह माह तक कायम रहा. जिसके कटु अनुभव सभी ने महसूस किए. जिस कोरोना को हराने के लिए पूरा देश लॉक कर दिया गया था. लोग घरों से बाहर निकलने से डरते थे. आज एक साल बाद भी कोरोना वायरस ने पीछा नहीं छोड़ा है.
उल्टा दिनों-दिन स्थिति और गंभीर होती जा रही है. पूरा एक वर्ष लाकडाउन व अनलाक के चक्कर में बीत गया. इस बीच आनलाइन पर काफी कुछ दारोमदार होने से इसका भविष्य में शाप और आऊटलेट पर बुरा परिणाम देखने मिल सकता है. जिसको लेकर व्यापारी भी चिंता में जता रहे है.
फोटो- 21 लाकडाउन
व्यापार-कारोबार की कमर टूटी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉकडाउन घोषित करने पर शहर समेत जिले में पुलिस के अलावा कोई भी सड़क पर दिखाई नहीं दे रहा था. कुछ सामाजिक संगठनों, समाजसेवी भूखे पैदल जा रहे मजदूरों को अन्न दान करते हुए दिखाई दे रहे थे. जितने तेज गति से कोरोना वायरस बड़ा उतने ही तेज गति से लोगों की परेशानी वह दिक्कत में वृद्धि हुई. कोरोना लाकडाउन का दुष्परिणाम आज भी दिखाई दे रहा है. लॉकडाउन के कारण आर्थिक तंगहाली से बाहर निकलने का प्रयास लोग कर रहे हैं.