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नांदगांव पेठ. कोविड-19 अस्पताल में संदिग्धों व उनके परिजनों के साथ अपमानजनक बर्ताव करने का मामला उजागर हुआ है. डाक्टरों, कर्मचारियों यहां तक की एम्बुलेंस चालक तक ऐसे लोगों को तिरस्कृत कर रहे हैं.

वृद्धा को धमकाया
गुरुवार को एक वृद्धा को कोविड-19 से डिस्चार्ज दिया गया. अस्पताल कर्मियों ने उसे अस्पाताल के बाहर लाकर अकेले छोड़ दिया. डेढ़ घंटे तक एम्बुलेंस नहीं आने पर जब वह फोन पर परिचित से इस बारे में बताने लगी तो पास खड़े डाक्टर ने उनके हाथ से फोन छिनकर फिर से थ्रोट स्वैब लेता हूं, कहते हुए व्हिल चेयर सहित उसे भीतर ले गए, जिससे वृद्धा घबरा गई. युवक ने इसकी शिकायत जिला शल्य चिकित्सक डा. श्याम सुंदर निकम से की. उनके हस्तक्षेप के बाद वृद्धा को घर भेजा गया.

बालक गिरा सिट से नीचे
इसी मामले में रिश्तेदार की रिपोर्ट निगेटिव आने पर पीडीएमसी से क्वारंटाइन के लिए 14 माह के एक बालक, 65 वर्षीय वृद्धा सहित 7 लोगों को राजेन्द्र गोले तंत्रनिकेतन में क्वारंटाइन हेतु ले जाया गया. लेकिन एम्बुलेंस (एमएच 14 सीडब्ल्यु 2593) के चालक ने मानवता को कलंकित करते हुए रफ्तार से वाहन चलाया, जिसमें मासूम बालक अपनी मां की गोद से सीट के नीचे गिर गया. जिससे बालक व वृद्धा को चोट पहुंची. लेकिन आवाज देने पर भी इस चालक ने कोई प्रतिसाद नहीं दिया. जहां जिलाधिकारी, सीएस, पुलिस आयुक्त व पूरी स्वास्थ्य यंत्रणा इस समय युद्ध स्तर पर सेवा देते हुए अपना दायित्व निभा रहे हैं, वहीं अन्य डाक्टर, कर्मचारी, एम्बुलेंस ड्राइवर भी मानवता से कार्य करें, ऐसी मांग नागरिक कर रहे हैं.