राजूराबाजार. नजदीक के वाडेगांव स्थित पटवारी ने एक माह से तहसील कार्यालय नहीं खोला है. आस पडोस के नागरिक भी काम के लिए चक्कर कांटते है लेकिन वैसे ही वापस लौटने पर मजबूर होते है. जिससे उन्हें मानसिक व आर्थिक रुप से परेशानी उठानी पड रही है. मोबाईल पर संपर्क करने पर फोन भी स्विचआफ रहने से प्रलंबित कामों को निपटाते तो कैसे ऐसा सवाल निर्माण हो रहा है.
3 गांव के लाभार्थी परेशान
वाडेगांव के पटवारी संजय सिडाम 31 अगस्त को सेवानिवृत्त हुए. उनके प्रभार हातुर्णा के पटवारी पवार को सौंपा गया. प्रभार स्विकारने के बाद कार्यालय का ताला खुला ही नहीं. जिसके कारण वघाड, वंडली राजूरा, काटी के किसान व छात्रों को चक्कर कांटने पर मजबूर होना पड रहा है. विशेष बात यह है कि कर्जप्रकरण, सातबारह, छात्रों को दाखिला आदि काम भी प्रलंबित है.
तहसीलदार से शिकायतों करों
कुछ किसानों ने जब हातुर्णा के पटवारी से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि हातुर्णा से वाडेगांव की दूरी 7 किलोमीटर है. हातुर्णा में बहोत काम रनहे से मै वाडेगांव में सेवा नहीं दे सकता. काम करना है तो हातुर्णा में आना पडेगा, नहीं होता तो तहसीलदार के पास शिकायत करने का सुझाव भी स्वयं पटवारीर ने किसानों को दिया है.