- महर्षि विद्यालय में अभिभावकों का हंगामा
अमरावती. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने मंगलवार को कक्षा 10वीं के परिणाम घोषित किए. यह परिणाम बिना परीक्षा के आंतरिक मूल्यांकन पर आधारित है. लेकिन शहर के महर्षि पब्लिक स्कूल पर उन छात्रों को कम अंक देने का आरोप लगाया है जिन्होंने प्रवेश शुल्क का भुगतान नहीं किया है.
नौवीं कक्षा में टॉपर रहे संबंधित छात्र-छात्राएं वर्ष भर स्कूल की ऑनलाइन पढाई में शामिल थे. लेकिन स्कूल ने इन छात्रों को बहुत कम अंक दिए हैं. जिस पर नाराज पालकों ने स्कूल में हंगामा किया और प्रबंधन को जवाबदेह ठहराने का प्रयास किया. प्राचार्य के टेबल पर पैसे रख कर छात्रों को अंक देने की मांग भी भड़के पालकों ने की.
छात्र डिप्रेशन में
कोरोना की पृष्ठभूमि में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं को रद्द कर आंतरिक मूल्यांकन योजना के आधार पर छात्रों के परिणाम घोषित कर दिए. छात्रों का आंतरिक मूल्यांकन करके दसवीं कक्षा के अंक दिए गए थे. ये अंक स्कूल द्वारा भेजे गए मूल्यांकन से निर्धारित होते हैं. लेकिन इस नतीजे से कई छात्रों को झटका लगा है. उम्मीद के मुताबिक अंक नहीं मिलने से छात्रों में भारी रोष है.
पालकों का आरोप है की, महर्षि पब्लिक स्कूल प्रशासन ने यह कदम स्कूल फीस का भुगतान ना होने के कारण उठाया है. इससे पहले महर्षि स्कूल ने संबंधित छात्रों और पालकों को तुरंत प्रवेश शुल्क का भुगतान करने या कम अंक भेजने की धमकी दी थी. इस संबंध में पहले भी शिकायत की जा चुकी है.
लेकिन प्रशासन की ओर से इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की गई है. इसलिए प्रवेश शुल्क नहीं देने वाले छात्रों को ही कम अंक दिए गए हैं. जिससे कम अंक पाने वाले छात्र डिप्रेशन में है. जिस पर छात्रों के माता-पिता महर्षि पब्लिक स्कूल में धमके व जमकर हंगामा किया.
बच्चू कडू से अंक मांगे…
अभिभावकों ने पहले शिक्षा राज्य मंत्री बच्चू कडू से महर्षि पब्लिक स्कूल कोरोना काल में भी जबरन स्कूल फीस वसूल रहा है और छात्रों को कम अंक देने धमका रहा है, ऐसी शिकायत की थी. जिस पर स्कूल प्रबंधन न बताया था कि स्कूल ने ऐसी कोई जबरदस्ती नहीं की है. लेकिन फिर स्कूल प्रशासन ने जिस छात्र ने संगंधित शिकायत की थी उसके माता-पिता को धमकाया और कहा कि जिस बच्चु कडू से उन्होंने शिकायत की थी, उनसे ही अंक मांगें.
छात्रों का नुकसान
महर्षि पब्लिक स्कूल ने स्कूल की फीस का पूरा भुगतान नही कर पाने वाले छात्रों के जीवन को नुकसान पहुंचाया है. मेरे भतीजे ने पूरे स्कूल वर्ष में सभी ऑनलाइन कक्षाएं पूरी कीं. साथ ही स्कूल द्वारा ली गई सभी परीक्षाओं की जानकारी दी. पिछले साल भी उनमें अच्छे गुण थे. लेकिन फिर भी स्कूल ने उसे दसवीं में कम अंक भेजकर बहुत बड़ा नुकसान किया है.-पंकज बारब्दे, एक छात्र के मामा
स्कूल की गलती नहीं
प्रवेश शुल्क का भुगतान न करने के कारण स्कूल ने किसी भी छात्र को नुकसान नहीं पहुंचाया है. स्कूल में 95 प्रतिशत अंक लेकर प्रथम आने वाले छात्र की फीस अदा नहीं हुई है. इसलिए स्कूल पर लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं. सीबीएसई द्वारा बताए गए सभी नियमों का पालन करते हुए छात्रों के अंक भेजे गए हैं.-सरीता ढोले, प्राचार्य महर्षि पब्लिक स्कूल