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अमरावती. अयोध्या में राम मंदिर निर्माण भूमिपूजन समारोह कार्यक्रम के चलते कानून व सुव्यवस्था कायम रखने के उद्देश्य से बुधवार को शहर व ग्रामीण पुलिस को हाई अलर्ट कर कड़ा बंदोबस्त लगाया गया था, जिससे कोई भी अनुचित घटना व अनहोनी नहीं हुई. जिले में कानून व सुव्यवस्था कायम रही.

चप्पे चप्पे पर पुलिस
शहर व ग्रामीण भाग के संवेदनशील क्षेत्रों में चप्पे-चप्पे पर एसआरपीएफ जवान तैनात किए गए थे, जबकि प्रमुख चौक-चौराहों पर 1 अधिकारी के साथ 10 कर्मियों को तैनात किया था. शहर में नागपुरी गेट, गाडगेनगर, फ्रेजरपुरा, खोलापुरी गेट, नांदगांव पेठ, बडनेरा तथा कोतवाली में एसआरपीएफ के 2 सेक्शन प्लाटुन तैनात किये थे. संमिश्र बस्ती में 46 स्थान तथा संवेदनशील क्षेत्रों में फिक्स प्वाइंट लगाए गए थे. क्राइम ब्रांच व हेड क्वार्टर की टीम दिन भर पेट्रोलिंग गश्त पर रही. 

आला अधिकारी पेट्रोलिंग पर उतरे
शहर में सीपी संजय बाविस्कर, डीसीपी यशवंत सोलंके, डीसीपी शशिकांत सातव समेत आला अधिकारी अपने कमांडों के काफिलों के साथ कार से पेट्रोलिंग पर उतर आये थे. शहर में 50 अधिकारियों के साथ 700 कर्मचारी बंदोबस्त में तैनात थे, जबकि ग्रामीण भाग 150 अधिकारियों के साथ 2,200 कर्मचारी पुलिस बंदोबस्त में तैनात रहे.

कृति समिति कार्यकर्ता डिटेन, रिहा
साकेत (अयोध्या) बुद्धभूमि अवशेष मुक्ति कृति समिति ने 5 अगस्त को काला दिवस मनाने का आह्वान किया था, जिससे कृति समिति जिलाधिकारी कार्यालय पर निवेदन लेकर जा रही थी, तभी फ्रेजरपुरा पुलिस ने उन्हें डिटेन कर लिया. अखिल भारतीय बौद्ध भिक्खु संघ के भदंत बुद्धप्रिय, एड.पी.एस.खडसे. प्रा.विनयाक दुधे, भुषण बनसोड, रामभाऊ पाटिल, मनीष साठे समेत अन्य थे.

जिन्होंने फ्रेजरपुरा थानेदार पुंडलीक मेश्राम को ज्ञापन दिया, जिसमें मांग की कि  बुद्ध अवशेषों पर राम मंदिर का निर्माण ना करें, दूसरी जगह करें, साकेत(अयोध्या) में बुद्धविहार बनाने के लिए 30 एकड़ जमीन दें, अवशेषों को सुरक्षित स्थल पर वस्तु संग्रहालय में रखकर पर्यटकों के लिए खुला किया जाए. पुलिस ने सभी कार्यकर्ता को रिहा कर दिया.