- नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने दी मंजूरी
अमरावती. 5 माह से बायो माइनिंग कार्य ठप होने से जमा कचरे के कारण हुए पर्यावरण नुकसान के मुआवजे के रूप में महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड महानगरपालिका से 50 लाख रुपये का जुर्माना वसूलेगा. इस संदर्भ में शिकायतकर्ता गणेश अनासाने ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में मनपा पर दावा किया था, जिसे ट्रिब्यूनल ने सही करार दिया है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई सुनवाई में बताया गया कि 13 जून 2020 से बारिश के मौसम के कारण बायो माइनिंग काम बंद है.
इस वजह से लगभग 1,22,581 मेट्रिक टन कचरा जमा हो गया है. दावेदार ने सुनवाई में बताया कि मनपा के पास कचरा प्रबंधन प्रक्रिया को लेकर कोई ठोस जानकारी नहीं है. आकोली में निर्माणाधीन कचरा प्रक्रिया का काम भी केवल 5% हुआ है. बायोमेडिकल कचरा प्रबंधन नियमों का भी लगातार उल्लंघन किया जा रहा है.
कोरोना काल में वेस्ट पीपीई कीट तथा कोविड-19 अस्पतालों से निकला बायोमेडिकल कचरा मनपा कंटेनर से ढुलाई पर भी प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई. मनपा में सफाई तथा कचरा प्रबंधन में काफी घोटाला भी होने की बात सुनाई में कई गई. महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रक बोर्ड ने मनपा पर 45 करोड़ 23 लाख 45 हजार मुआवजे का दावा भी किया है. इस पर भी उचित कार्रवाई करने के निर्देश ट्रिब्यूनल बेंच ने दिए है.
जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई न करने पर शोकॉज
कचरा प्रबंधन नियमों का उल्लंघन करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं किए जाने को लेकर भी मनपा प्रशासन को शो कॉज नोटिस जारी किया गया है. इस मामले में अगली सुनवाई 4 नवंबर को होगी. इस सुनवाई में महानगर पालिका आयुक्त को उपस्थित रहना है. यह सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से होगी. जिसमें उन्हें जमा कचरे के प्रबंधन के साथ रोजाना के कचरा प्रबंधन की योजना तथा तैयारी ट्रिब्यून के समक्ष प्रस्तुत करनी होगी.
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संज्ञान प्राप्त करुंगा
कोरोना होने के कारण मैं अवकाश पर हूं. इस संदर्भ में किसी भी तरह के आदेश प्राप्त होते ही भी है इसकी जानकारी नहीं है. संज्ञान प्राप्त करुंगा. यदि आदेश है तो निश्चित ही उस पर अमल भी होगा.
प्रशांत रोडे, निगमायुक्त मनपा