अमरावती. कोरोना पाजिटिव आने के बाद इलाज से स्वस्थ्य हुए रोगियों को दुर्लभ बीमारी जकड़ने लगी है. म्यूमकरमायकासिस नामक इस रोग से ग्रस्त 4 रोगी मिले हैं. यह दुर्लभ फंगल इन्फेक्शन है. सीएस डा. श्यामसुंदर निकम के अनुसार यह रोग मुख्यत: जबड़े, नाक व आंखों में पाया जाता है. जिला सरकारी अस्पताल में ऐसे 4 मरीजों का सफल आपरेशन कर उनकी जान बचाई गई है.
यह सफल आपरेशन सीएस के मार्गदर्शन में नाक-कान व गला विशेषज्ञ डा. श्रीकांत महल्ले ने एन्डोस्कोपी के माध्यम से की. एनिस्थेशिया डा. संजय खेरड़े, डा. बागवाले, डा. स्वाति बाहेकर, डा. केजी देशमुख, डा. सुजीत गांगारे की टीम ने किया.
निर्धनों को मिली राहत
जिला सरकारी अस्पताल में इस रोग पर इलाज की सुविधा उपलब्ध होने से जिले के निर्धन रोगियों को राहत मिली है. म्यूकर मॉयकासिस रोग की उपचार पध्दति महंगी है. कोरोनाग्रस्त तथा मधुमेह पीड़ित रोगियों को यह बीमारी हो सकती है. मधुमेह वाले रोगियों को कोविड वैक्सीन लेना अनिवार्य है. इस तरह के फंगल इन्फेक्शन पाये जाते हैं तो तत्काल नाक, कान-गला व दंतरोग स्पेशालिस्ट डाक्टर से जांच कर तत्काल औषधोपचार करें.
बीमारी के लक्षण
सीएस के अनुसार रोगियों को सिरदर्द की तकलीफ होती है. दृष्टि कमजोर होना, आंखों के रोग के साथ डोळ्यांच्या सायनस, मुंह के ऊपरी जबड़े दर्द होना, दांतों में पस होना, नाक से रक्त मिश्रित पस निकलना, नाक बंद होना. यह सभी म्युकर मॉयकासिस बीमारी के लक्षण है. म्युकरमॉयकासिस बीमारी में सायनस तथा आंखों में इन्फेक्शन होकर उसकी तीव्रता बढ़ती है.