अमरावती. कोरोना जैसी महामारी के संट के दौर में देश की पूरी उद्योग व्यवस्था चरमरा गई. खास तौर पर आटो मोबाईल सेक्टर को काफी बड़ा आर्थिक झटका लगा. लेकिन इसके बावजूद जिले में सेंकड हैंड फोर विलर की रिकार्ड बिक्री हुई. लाकडाउन के दौरान 6 माह तक सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था बंद होने तथा सेहत की सुरक्षा व सुविधा के मद्देनजर लोगों ने जम कर सेंकड हैण्ड वाहन खरीदी किए. जिले में प्रतिमाह करिबन 500 सेकंड फोर व्हिलर की बिक्री हुई. यह व्यवसाय अब भी तेजी पर है.
सेहत के प्रति दिखाई गंभीरता
कोरोना जैसी महामारी संक्रामक होने के कारण लोगों में सोशल डिस्टंसी के प्रति गंभीरता दिखाई. लाकडाउन के तहत एक और आटो, एसटी बस, ट्रैवल्स, ट्रेन जैसी संचार सुविधाए बंद रही. वहीं जरुरी काम से बाहर गांव व शहर में ही आने जाने के लिए लोगों ने वाहन शेअरिंग से भी गुरेज किया. ऐेसे में लोगों ने अपने चार पहिया वाहनों की जुगाड़ करनी शुरु की. जिसके तहत बजट के अनुसार सेंकड हैण्ड की तलाश आरंभ हुई.
जिले में करिबन 20 से अधिक सेकड चार पहिया वाहनों के डिलर्स है. जिसमें मारोती, फोर्ड, महिन्द्रा जैसी नामी कंपनियों के भी शोरुम है. जो अपने ब्रांड के साथ ही अन्य ब्रान्ड के सेंकड हैंड वाहन भी बेचते है. सुत्रों के अनुसार अप्रैल माह से हर डिलर से प्रति माह औसतन 25 से 30 वाहन बेचे. इस तरह जिले में प्रति माह 500 से अधिक वाहन बिक्री हुई.
डेढ़ गुणा बढ़ा व्यवसाय
मैं इस क्षेत्र में लंबे समय से काम कर रही हुं. हम आम तौर पर महिने में 20 से 25 वाहन बेचते हैं लेकिन लाकडाउन की स्थिति में हमने प्रतिमाह 35 से 40 वाहन बेचे है. मध्यम वर्गिय परिवारों ने भी परिवार की सुरक्षा के मद्देनजर कार खरीदी. जिससे सेकंड हैंड वाहनों की बिक्री में उछाल आया. इन वाहनों पर भी फाईनंस की व्यवस्था लोगों ने इसका फायदा लिया.- दर्शना संघई , संचालिका महेन्द्रा युवर चाईस
जमकर हुई वाहनों की बुकिंग
कोरोना काल में नए से अधिक पुरानी गाड़ियों की बुकिंग हुई. हम गत 2 वर्ष से इस व्यवसाय में है. महिने में करिबन 12-15 गाड़ियां बिकती थी लेकिन लाकडाउन के बाद से प्रति माह हम 22 से 25 गाडियां बेच रहे हैं. बुकिंग तेज हो गई है. कई बार बाहर से सेंकड हैण्ड गाडियों की किल्लत भी हो जाती है. ऐेसे में दूसरे डिलर्स से मदद लेनी पड़ती है.-मित झंवर, श्री गजानन कार डिलर
जान है तो जहान है
कोरोना ने हमे जीवन का मूल्य सिखा दिया है. आज जो है उसमें खुश और सुरक्षित रहो. जान है तो जहान है. इसी के चलते मध्यम बजट वालों कई लोगों भी ने कार खरीदी की. ताकि जरुरत के समय सुरक्षित परिवहन की सुविधा रहे.- मंगेश वैश्य, नागरिक