अचलपुर. केंद्रीय वन मंत्रालय, बाघ प्राधिकरण और मौसम विभाग दिल्ली की ओर से संयुक्त रूप से जारी किए एक आदेश के अनुसार मेलघाट टाइगर रिजर्व के साथ लोणार, टिपेश्वर, काटेपूर्णा, ज्ञानगंगा अभयारण्यों में वन्यप्रेमियों के प्रवेश को अगले आदेश तक प्रतिबंधित किया गया है.
एक तरफ पूरे देश का माहौल अनलॉक की ओर बढ़ता दिखाई दे रहा हैं. वहीं दिल्ली में बैठे व्याघ्र प्रकल्प के अधिकारी मेलघाट में पर्यटकों के प्रवेश पर पाबंदी लगाकर अनेक स्वरोजगार और उद्योगों को ठप करने का काम कर रहे है. व्याघ्र प्रकल्प में लाकडाउन शुरू रहने से प्रकृति प्रेमियों में भारी निराशा है.
मुख्य वनसंरक्षक ने की ढील की मांग
राहत की बात यह है कि दिल्ली दरबार से जारी हुए इस पत्र को जवाब देते हुए प्रधान मुख्य वनसंरक्षक वन्यजीव नितिन काकोडकर ने विदर्भ के पांच व्याघ्र प्रकल्प में पर्यटक आवाजाही को शिथिलता देने की मांग की है. प्रकृति और वन्यप्रेमियों को अभी कुछ दिन और इंतजार करना पड़ सकता है. फिलहाल राज्य के सभी जिले शुरू है. केवल कोरोना संक्रमण के नाम पर जंगल सफारी और अभ्यारण्य प्रवेश को लॉक कर दिया गया है.
कई उम्मीदों पर पानी फिरा
इस निर्णय से चिखलदरा, सेमाडोह, हरिसाल, धारणी, कोलकास में केवल पर्यटकों के भरोसे अपना उदरनिर्वाह करते टैक्सी संचालक, गाइड, होटल, कैटरिंग, भोजनालय आदि सभी को पुनः भुखमरी का सामना करना पड़ेगा. पहले ही दो माह से स्वरोजगार करते लोग घरों में ही पड़े है. मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद उम्मीद जरूर जागी, लेकिल दिल्ली के इस पत्र ने फिर मायूस की.