अमरावती. कोरोना संक्रमण का ग्राफ मई के अंत में भले की गिरता दिखाई दे रहा है. लेकिन महामारी की दूसरी लहर ने 4 माह में कहर बरपाया है. फरवरी से मई के बीच इन 120 दिनों में प्रतिदिन 8.64 मौतों की औसत से एक हजार से अधिक जाने गई है. जबकि पहली लहर के 10 माह में 407 मौतें हुई थी. जो सेकंड वेव की तुलना में आधे से भी कम रही. दूसरी लहर में अचानक बढे मौतों के आंकड़ों से जिले में हडकम्प मचा रखा था.
अकेले मई में 497 मरे
कोरोना के आगमन के बाद 22 मार्च 2020 से देशस्तर पर लाकडाउन लागू किया गया. जिले में पहला मरीज 4 अप्रैल को शहर के हाथीपुरा इलाके में पाया गया था. यही पहला मृतक था. इस वर्ष सितंबर में चरम पर प्रकोप के बाद दिसंबर में कम होने लगा. जनवरी में यह निचले स्तर पर रहा था. लेकिन जनवरी के अंतिम सप्ताह से संक्रमण में दोबारा रफ्तार पकडी. जिसे दूसरी लहर कहा गया. जिसमें लगातार मौतें बढती गई. अकेले मई माह में जिले में 497 मौतें हुई. जबकि अप्रैल में 283, मार्च में 163 तथा फरवरी में 93 मौतें हुई.
अन्य जिलों की 171 डेथ
जिले में दूसरी लहर की आहट होते ही 22 फरवरी से 6 मार्च तक लाकडाउन लगाया गया. जिसके परीणाम स्वरुप अप्रैल में संक्रमण अन्य जिलों के मुकाबले काफी नियंत्रीत रहा. यही वजह रही कि इस माह से अन्य जिले के पाजिटिव मरीज अमरावती में इलाज लेने आना शुरू हुए. इस दौरान अन्य जिलों 171 मरीजों की यहां मृत्यू हुई.
कोरोना की दोनों लहरों में दर्ज मौतें
पहली लहर
22 मार्च से 31 जनवरी 417
दूसरी लहर
फरवरी 94
मार्च 163
अप्रैल 283
मई 497