ST BUS
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    • 2 माह से यात्री मिलना हुआ मुश्किल 

    अमरावती. निजी ट्रैवल्स कंपनियों के साथ स्पर्धा करने के लिए महाराष्ट्र राज्य परिवहन निगम ने शिवनेरी और शिव शाही यह आरामदायक बस सेवा शुरू की है. इस बस का किराया अधिक रहने से मध्यम वर्गीय यात्री भले ही इसे प्रतिसाद नहीं देते, इसके बावजूद शिवशाही को प्रतिमाह 1 करोड़ रुपए की आय प्राप्त होती है.

    कुल यात्री क्षमता की तुलना में 35 प्रतिशत यात्री ही इस बस से यात्रा करते हैं, लेकिन गत 2 माह से शिव शाही को यात्री मिलना मुश्किल हो रहा है. जिसके चलते महामंडल के अमरावती जिले को प्रति माहा 70 लाख रुपए का घाटा सहन करना पड़ रहा है.

    यात्रियों की संख्या कम

    महामंडल के पास 45 शिवशाही बस है. जिसमें अमरावती डिपो के पास 12, बडनेरा 14, वरुड 7, चांदूर बाजार 2, दर्यापुर 5, परतवाड़ा 5 शिव शाही दौड़ाई जाती है. जिसे जिले से तहसील स्तर पर तथा लंबी दूरी के लिए छोड़ा जाता है. फडणवीस सरकार में शिवसेना के दिवाकर रावते राज्य के परिवहन मंत्री थे. तब उन्होंने शिवशाही बस शुरू कर महामंडल का स्वरुप बदलने का प्रयास किया. शिवशाही बस को लेकर पहले विवाद भी हुए. एसटी बस का किराया लालपरी से अधिक है.

    जिसके कारण आम यात्री इसमें यात्रा नहीं करता. बस की आसन क्षमता 40 की है, लेकिन कभी भी यह बस हाउसफुल नहीं होती. आरामदायक एअर कंडिशनर रहने से बस में 15 से 20 यात्री यात्रा करते हैं. जिले में एसटी महामंडल के पास लाल परी 350 है. जिससे महामंडल को 22 लाख रूपयों की आय रोजाना प्राप्त हो रही है. 

    8 शिवशाही से सफर 

    लाकडाउन पूर्व जनवरी 2020 में एसटी महामंडल को अच्छी आय प्राप्त हो रही थी. इस दौरान एक शिवशाही बस की दिन भर की आय हजारों रुपए थी. जिससे एसटी महामंडल को 45 बसों से एक दिन में 3 से साडे तीन लाख रुपए आय प्राप्त होती थी. पहले लॉकडाउन में एसटी बस बंद कर दी. दिवाली के बाद शुरू होने के बाद भी शिवशाही की आए बढ़ नहीं पायी. जो अभी तक घाटे में ही चलाई जा रही है.

    मार्च 2021 से कोरोना प्रादुर्भाव बढ़ने के कारण फिर एक बार लॉक डाउन लग गया. बढ़ती मरीजों की संख्या के कारण 45 में से मात्र 7 से 8 ऐसी शिवशाही बस यात्रियों के लिए उतारी गई. प्रतिमाह 11 हजार किलोमीटर चलने वाली शिवशाही अब केवल दो से 3 हजार किलोमीटर ही चलती है.

    शिव शाही को आर्थिक नुकसान

    लाकडाउन के बाद शिवशाही को पूरी ताकत और संख्या से नहीं उतारा गया है. लंबी दूरी की गाड़ियों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र की लाल परी भी बंद है. जिसका नुकसान महामंडल को उठाना पड़ रहा है. एसटी महामंडल को 22 लाख रुपए तथा शिव शाही को 20 से 25000 रु की आय रोजाना प्राप्त हो रही है. जो कम है, लेकिन महामंडल जल्द ही पटरी पर आयेगा.- श्रीकांत गभणे, विभागीय नियंत्रक