अमरावती. कोरोना महामारी के कारण मार्च 2020 से समूचे राज्य में स्कूल बस सेवा ठप रहने से स्कूल बस मालिक-चालक व उनके परिवार पर भुखमरी की नौबत आन पड़ी है. स्कूल बस चालक की व्यथा महाराष्ट्र राज्य विद्यार्थी यातायात महासंघ के माध्यम से राज्य सरकार तक पहुंचाई है, लेकिन फिर भी सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाये.
जिससे स्कूल बस मालिक-चालक की समस्या दिन ब दिन और अधिक जटिल होने से भारी दिक्कतों व परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इन्हीं प्रश्नों के लिए सोमवार को अंबानगरी शालेय विद्यार्थी वाहतुक संस्था व शालेय विद्यार्थी वाहतुक संघ के बैनर तले सैकड़ों स्कूल बस चालकों ने धरना आंदोलन किया.
आरटीओ का टैक्स माफ करें
स्कूल बस चालकों ने जिलाधिकारी के माध्यम से सीएम उध्दव ठाकरे को निवेदन भेजा. जिसमें स्कूल बस चालकों के लिए कल्याणकारी मंडल व बोर्ड स्थापित करने, आरटीओ का शत-प्रतिशत टैक्स माफ करने, स्कूल बस के लिए निकाले गए लोन की समयावधि बढ़ाने व ब्याज माफ करें, व्यवसाय बंद रहने से चालक, मालिक व अटेडेन्स को आर्थिक मदद मिले, कोरोना काल में जिन वाहनों ने इन्शोरेन्स निकाला है, उन्हें आगे की समयावधि बढाए जाये. स्कूल बस को 100 टैक्स समतोल रखे.
अन्यथा होगा बेमियादी अनशन
स्कूल बस रजिस्ट्रेशन के लिए स्कूलों ने सहमति पत्र देकर सहयोग करें, जैसी मांगें रखी गई. राज्य सरकार का ध्यान केंद्रीय करने के लिए यह धरना आंदोलन किया है, यदि जल्द ही मांगें पूरी नहीं हुई तो बेमियादी अनशन आंदोलन किया जाएगा. इस बीच शिवसेना के नेता प्रवीण हरमकर, धाने पाटिल, पराग गुडधे समेत अन्य पदाधिकारियों ने अनशन मंडप को भेंट देकर उनकी मांगों पर सकारात्मक निर्णय लेने के लिए वरिष्ठस्तर पर बात करने का आश्वासन दिया. इस समय बंडु कथिलकर, देवेंद्र बोंडे, रवींद्र गुल्हाने, चंद्रशेखर जाधव समेत अन्य उपस्थित थे.