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    अमरावती. कोरोना के चलते पिछले डेढ़ साल से स्कूलें बंद हैं. नतीजतन डेढ़ साल से घरों में ही कैद छात्रों की अब स्कूल में रुचि खत्म होने लगी है. 15 जुलाई को जिले के कोरोना फ्री जोन में कक्षा 8वीं से 12वीं तक के 337 स्कूल शुरू करने का निर्णय लिया गया. लेकिन वास्तव में केवल 182 स्कूल ही शुरू किए गए. जिले में अब तक 257 स्कूल शुरू किए जा चुके हैं. लेकिन इन स्कूलों में आने वाले छात्रों की संख्या न के बराबर पाई गई. महानगर पालिका क्षेत्र में तो अभी तक एक भी स्कूल शुरू नहीं हो पाई है. 

    छात्रों की संख्या ना के बराबर

    कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए राज्य सरकार ने छात्रों को कोरोना से संक्रमित होने से बचाने के लिए स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया. राज्य में पिछले डेढ़ साल से स्कूलें बंद हैं. तो छात्र घर पर आनलाइन सीख रहे हैं. लेकिन इस फैसले से कई छात्रों का शैक्षणिक नुकसान हुआ. इसीलिए राज्य सरकार ने छात्रों के शैक्षणिक नुकसान को देखते हुए कोरोना मुक्त क्षेत्रों में 8वीं से 12वीं तक की कक्षाएं शुरू करने का निर्णय लिया.

    इस फैसले के तहत कई जगहों पर स्कूल शुरू किए गए. जिले में भी पहले दिन ग्रामीण क्षेत्र के 748 स्कूलों में से 182 स्कूल शुरू हो गए. इनमें से 4,749 छात्र स्कूल भी गए थे. लेकिन प्रवेश लेने वाले छात्रों की संख्या को देखते हुए उपस्थित छात्रों की संख्या न के बराबर है. जिले में फिलहाल 227 स्कूल शुरू किए जा चुके हैं. 

    छात्रों की सही संख्या कहना मुश्कील

    जिले में फिलहाल 227 स्कूल शुरू किए जा चुके हैं. लेकिन छात्रों की संख्या नगण्य है, छात्रों की यह संख्या प्रतिदिन बदल रही है, इसलिए वर्तमान में स्कूल आने वाले छात्रों की सही संख्या कहना संभव नहीं है.-ई.जेड. खान, शिक्षाधिकारी प्राथमिक

    25 स्कूलों के प्रस्ताव मिले

    महानगर पालिका क्षेत्र में कुल 357 स्कूलें हैं. इसमें कक्षा 8वीं से 12वीं तक के 150 स्कूलें हैं. लेकिन इनमे से केवल 25 से 30 स्कूल शुरू करने के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं. शहर में अब तक एक भी स्कूल शुरू नहीं हुआ है.-डा. अब्दुल राजिक, शिक्षणाधिकारी मनपा