विवि व्यवस्थापन परिषद से सूर्यवंशी आऊट, विसी ने जारी किए आदेश

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अमरावती. संत गाडगेबाबा अमरावती विश्वविद्यालय की व्यवस्थापन परिषद पर राज्यपाल व्दारा मनोनीत प्रा. दिनेश सूर्यवंशी का सदस्य पद  रद्द करने के आदेश उपकुलपति डा. मुरलीधर चांदेकर ने सोमवार को जारी किए. इस संदर्भ विवि प्रशासन की ओर से राज्यपाल को भी पत्र भेजा गया है. विवि की छवि धूमिल करने व काम में बाधा पहुंचाने का आरोप लगाकर यह सदस्यता रद्द किये जाने का कारण स्पष्ट किया गया है. 

पहले भी दो बार दी नोटिस

सूर्यवंशी ने कई बार संत गाड़गे बाबा अमरावती  विश्वविद्यालय की छवि सार्वजनिक रुप से धूमिल करने का प्रयास किया है. उन्हें पहले भी 2 बार विवि विरोधी गतिविधियां बंद करने के संदर्भ में नोटिस दी जा चुकी है. परीक्षाओं में आ रही दिक्कतों को लेकर उन्होंने सारी सीमाएं लांघ दीं. जबकि विवि व्यवस्थापन नियमों के अनुसार परीक्षाएं ले रहा है. महाविद्यालयीन स्तर पर परीक्षा लेने वाली केवल यह अकेली यूनिर्वसिटी नहीं है. बल्कि मुंबई सहित अन्य कई  विश्वविद्यालयों ने भी कोरोना राष्ट्रीय आपदा के समय में इसी तरह से परीक्षाएं ली है. लेकिन दिनेश सूर्यवंशी विवि की प्रतिमा खराब करने में लगे हैं.

डा. मुरलीधर चांदेकर, उपकुलपति

विसी का असंवैधानिक फैसला 

 जिन दो कारणों के चलते मेरी सदस्यता रद्द की गई है. वह उचित नहीं है. यह दोनों कारण मुझे लागू नहीं होते. विसी ने अत्यंत गैर कानूनी व असंवैधानिक मार्ग का उपयोग कर मेरी सदस्यता रद्द की है. मैं पिछले 25-30 वर्षों से विवि, विद्यार्थियों के हितों के लिये मैं हमेशा सक्रिय रहा हूं. एक जांच समिति का अध्यक्ष होने पर रिपोर्ट नहीं दिये जाने का एक कारण बताया है. दूसरा कारण यह बताया है कि दो-तीन दिनों से विद्यार्थियों के हितों के लिये कुलपति व उपकुलपति से लगातार चर्चा कर रहा हूं. इन दो कारणों से मेरी सदस्यता रद्द करना निषेधात्मक है. विसी की कुर्सी को खतरा निर्माण होने से उन्होंने अधिकार का दुरुपयोग किया है. योग्य जगह इस निर्णय को चुनौती देकर अमरावती विश्वविद्यालय के मैनेजमेंट कॉन्सिल का सदस्य पद दुबारा बहाल कर विद्यार्थियों व अभिभावकों के हितों के लिये सदैव संघर्ष की भूमिका कायम रहेगी. 

-प्रा. दिनेश सूर्यवंशी, तत्कालीन सदस्य विवि व्यवस्थापन