शिक्षक चुनाव: प्रत्याशियों का प्रचार जोरों पर, टिचरों से सिधे संपर्क में जुटे

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अमरावती. कोरोना के चलते पोस्टपॉन हुए शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव आगामी कुछ माह में होने की संभावना है. जिसके चलते उम्मीदवारों ने प्रचार शुरु कर दिया है. कोरोना महामारी के चलते सार्वजनिक सभाएं लेने की अनुमति नहीं होने से शिक्षकों से सिधे संपर्क किया जा रहा है. उसमें भी स्कूल, कॉलेज बंद होने से घर पर भेंट कर वोटरों को रिझाया जा रहा है. शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र पांच जिलों में फैला होने से उम्मीदवारों को वोटरों तक पहुंचने में काफी दौडधुप करनी पड रही है.

संस्था के शिक्षक, कर्मी काम में जुटे

उम्मीदवारों ने अपनी संस्था के शिक्षक, कर्मचारियों को भी प्रचार के काम जुटा रखा है. संस्था के शिक्षक, कर्मचारियों को भी स्कूल, कॉलेज बंद होने से मजबूरन भागदौड करनी पड रही है. कई प्रत्याशी प्रचार के लिए दौड रहे शिक्षक, कर्मियों को गाडी, इंधन तक का खर्च नहीं दे रहे है. अपनी जेब को चपत लगने से उनमें नाराजगी है.  

इच्छूकों की भरमार

विधान परिषद में अमरावती विभाग से शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र की एक सीट के लिये इच्छुकों की भरमार है. वर्तमान विधायक प्रा. श्रीकांत देशपांडे के साथ शिक्षक महासंघ के शेखर भोयर, शिक्षक भारती के दिलीप निंभोरकर, शिक्षण संघर्ष संगठन की संगीता शिंदे, विदर्भ यूथ वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष डा. नितिन धांडे, विदर्भ माध्यमिक शिक्षक संघ (विमाशि) के प्रकाश कालबांडे और उर्दू टीचर्स एसोसिएशन (यूटीए) के गाजी जाहेरोश आदि अपनी किस्मत आजमाने की संभावना है.

33 हजार से अधिक वोटर

संभाग के अमरावती, अकोला, वाशिम, बुलडाना व यवतमाल जिले में 33 हजार से अधिक  शिक्षकों ने मतदाता के रुप में पंजीयन किया है. हालांकि चुनाव के आठ दिन पहले तक मतदाता पंजीयन उपक्रम चलेगा. संभागीय मुख्यालय अमरावती में सर्वाधिक 9512 वोटरों ने पंजीयन कराया है. जबकि बुलडाणा में 7244, यवतमाल में 6891, अकोला में 5828 तथा वाशिम में सबसे कम 3621 वोटर है. चुनावी कार्यक्रम घोषित होने के 7 पहले तक पंजीयन कार्यक्रम चलने से वोटरों की संख्या में बढोतरी की संभावनाएं है.