नहीं सुलझ रही टेंडर गड़बड़ी मामले गुत्थी, अधिकारी नहीं ले रहे जिम्मेदारी

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शिरजगांव कसबा. चांदूर बाजार तहसील के शिरजगांव कसबा ग्राम पंचायत में 15 दिन पहले टेंडर गड़बड़ी का मामला सामने आया था. जिसकी गुत्थी अब तक प्रशासन द्वारा नहीं सुलझ पाई है. जिसके बाद नागरिकों में रोष व्याप्त हो रहा है. टेंडर गड़बड़ी के इस मामले में दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने व निष्पक्ष जांच में कोताही बरतने का आरोप नागरिकों द्वारा लगाया जा रहा है. सिलाई मशीन, पलंग जैसा सामान भी ग्रापं में पहुंच गया, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि यह सामान कहां से आया है. उन्हें पता ही नहीं. 

प्रशासक भी लापरवाह
14 वें वित्त आयोग निधि से सामग्री खरीदने में पहले काम का आवंटन कर फिर टेंडर जारी किए गए थे. जिसके बाद स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर नागरिकों द्वारा तरह-तरह के सवाल खड़े किए जा रहे है. वहीं वरिष्ठ अधिकारियों की साठगांठ से ही अपने चहेते ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए खेल रचे जाने की चर्चाएं भी नागरिकों में जोर पकड़ रही. इस मामले में अधिकारियों से पूछे जाने पर टालमटोल वाले जवाब मिल रहे है. वही तहसील प्रशासन भी अपनी भूमिका स्पष्ट करने तैयार नहीं है. वहीं प्रशासक को सवालों के जवाब सुझ नहीं पड़ रहे हैं.

गांव में पहुंच रही सामग्री
टेंडर गड़बड़ी के मामले में अभी पूरी तरह जांच भी नहीं हो पाई थी. टेंडर में उल्लेख साहित्य की आपूर्ति ठेकेदारों द्वारा किया जाना शुरू हो गया है. टेंडर में जिन साहित्य खरीदी का उल्लेख है. वो हाल ही में ग्राम पंचायत अंतर्गत बांटे गए व कुछ साहित्य ग्राम पंचायत की देखरेख में ग्राम पंचायत की हद में बकायदा रखे दिखाई दे रहे है. आरोग्य केंद्र में बेड पहुंच चुके है. जिससे साफ जाहिर हो रहा है कि इस पूरे मामले को गंभीरता से ना लेते हुए ठंडे बस्ते में रख भ्रष्टाचार की एक नई मिसाल स्थानीय प्रशासन व तहसील प्रशासन द्वारा कायम किये जाने की चर्चा है.  

दोषियों पर कार्यवाही का इंतजार
 टेंडर से पहले काम करवा लेने के इस मामले में ग्राम पंचायत सचिव और प्रशासक शक के दायरे में दिखाई दे रहे है. बावजूद इसके बदस्तूर सामग्री की आपूर्ति जारी है. हाल ही में सिलाई मशीन,बेंच,आदि साहित्य ग्राम पंचायत की हद में रखी गई है. जिससे नागरिकों द्वारा सवाल उठाए जा रहे हैं कि साफ तौर से टेंडर में गड़बड़ी होने के बावजूद चहेते ठेकेदारों को लाभ पहुंचाया गया है. फिर भी दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करने की बजाए इतनी मेहरबानी क्यों हो रही है. नागरिकों द्वारा सवाल उठाए जा रहे हैं कि आखिर दोषियों पर कार्यवाही करने वरिष्ठ अधिकारी क्यों कतरा रहे है. नागरिकों द्वारा इस पूरे मामले में जिला प्रशासन से जांच कर दोषियों पर कार्यवाही की मांग की जा रही है.

पीएचसी में पहुंचे पलंग
टेंडर में सिलाई मशीने, पलंग खरीदी का उल्लेख था. जिसके अनुसार ग्रापं कार्यालय में मशीनों व पीएचसी में पंलगों की खेप पहुंची. लेकिन यह सामान कहां से आया इसकी जानकारी न होने की बात बीडिओ बता रहे है. वर्क आर्डर तक नहीं निकालने की बात कही जा रही है. ऐसे में नागरिकों में चर्चा है कि किसी ने दान करते हुए यह सामग्री तो  नहीं भेंजी.