अमरावती. शहर में पूर्ववत शुरू किये गए सिग्नल पर रुकना लोगों के लिये सिरदर्द साबित हो रहा है. प्रत्येक सिग्नल पर भिखारियों की टोली सिग्लन पर रुके मोटर साइकिल, मोपेड सवारों के साथ ही कार चालकों से भीख मांगने स्पर्श करने से बाज नहीं आ रही है. खासकर मोटर साइकिल व मोपेड सवारों को हाथ लगाकर भीख मांगे जाने से कोरोना संक्रमण का डर सता रहा है. भीख मांगने वालों में बच्चों की संख्या अधिक होने से इसको लेकर शहर में चिंता जताई जा रही है.
हाथ लगाकर मांगते है भीख
लाकडाउन व कोरोना के चलते पिछले 7 माह से बंद पड़े सभी सिग्नल पूर्ववत शुरू कर दिए गए है. लेकिन अचानक सभी सिग्नलों पर भिखारियों का जमावड़ा उमड़ पड़ा है. शहर का एसा कोई सिग्नल नहीं है. जहां भिखारी ना हो. सिग्नल पर गाडी रुकते ही यह भिखारी मोटर साइकिल, मोपेड सवारों को हाथ लगाकर भीख मांगते है. कई बार तो सिग्नल शुरू हो जाने पर भी मोटर साइकिल व मोपेड सवार लोगों के कपडे पकडकर रखते है. जिससे गाडी पर से गिरने का डर रहता है.
भीख मांगते समय ना तो मुंह पर मास्क होता है और ना ही सोशल डिस्टंसिंग का पालन करते है. पैसे नहीं देने पर पकड़ लेते है. यही स्थिति कार चालकों की भी होती है. कार के शीशे बंद कर दिये जाने पर भिखारी हाथ शीशे पर पटककर भीख देने की जिद करते है. हट्टे-कट्टे होने पर भी कोई कामधंधा ना कर यह भिखारी अपने बाल-बच्चों के संग सिग्नल पर बीच रास्ते खड़े होकर भीख मांगते नजर आ रहे है. अधिकांशतः घुमंतु होने से लोग भी अधिक प्रतिकार किये बगैर यहां से निकलने में ही भलाई समझते है.
ट्राफीक पुलिस भी हतबल
कई बार महापालिका के अतिक्रमण पथक व पुलिस के संयुक्त अभियान चलाकर घुमंतु लोगों को उनके गांव में छोडकर आए, लेकिन यह लोग फिर शहर में आकर चौक-चौराहों पर गंदगी फैलाते हुए सिग्नल पर भीख मांगने डट जाते है. वाहन चालकों व सवारों को तकलीफ दिये जाने पर कई बार ट्राफिक पुलिस भीखारियों को डाट-फटकारती है, लेकिन फिर चकमा देकर सिग्नल पर डट जाते है. जिससे ट्राफिक पुलिस भी हतबल हो गई है.