Dengue
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अमरावती. शहर में कोरोना का ग्राफ कम होने से प्रशासन निश्चित हो गया है, लेकिन ऐसा नहीं है. कोरोना पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ और शहर में डेंगू के मरीज इतने बढ़ रहे हैं कि कोरोना में किए गये अच्छे कामों की क्रेडिट भी प्रशासन से छीन लेंगे. 

प्रशासन की ओर से डेंगू की जनजागृति तथा छिड़काव को लेकर पदाधिकारियों ने प्रशासन को जमकर आड़े हाथों लिया. हालांकि प्रशासन ने शहर में केवल 42 डेंगू पाजिटिव होने का दावा किया. शौचालय और शेतकरी जिनिंग प्रेसिंग के मुद्दे पर आमसभा में हंगामा होने का दावा किया जा रहा था लेकिन यह दोनों विषय अगले माह की आमसभा में रखे जाएंगे.  

जिम्मेदारी निश्चित करें 
तुषार भारतीय ने बताया कि डेंगू की शुरुआत  साईंनगर प्रभाग से शुरू हुई. उसी दौरान प्रशासन को आगाह किया था. लेकिन प्रशासन कोरोना में व्यस्त था. मिलिंद चिमोटे ने भी पूर्वानुभाव को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने काम करना चाहिए, ऐसा सुझाव देते हुए बताया कि जिसे डेंगू हुआ उसकी ह्युमिनिटी पावर कम होती है, परिणामत: उसे कोरोना होने का खतरा बढ़ जाएगा.

इसलिए प्रशासन ने डेंगू पर अनदेखी नहीं करनी चाहिए. वर्ना लोग प्रशासन का धिक्कार करेंगे. भारतीय ने जिसके लिए जिम्मेदारी तय करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि कोरोना की संख्या भी कम नहीं हुई है केवल होम क्वारंटाइन मरीज बढ़ गये हैं. 

नागरिकों की होगी लूट 
इस समय प्रशासन ने डेंगू पाजिटिव की जानकारी दी. जिसमें मई में 1, जून में 3, जुलाई में 12, सितंबर में 25 पाजिटिव प्राप्त है. जबकि सितंबर व अक्टूबर की रिपोर्ट शेष है. प्रशासन ने 451 रिपोर्ट भेजी है, लेकिन शहर में लैब नहीं रहने से रिपोर्ट प्राप्त होने में देरी हो रही है.  भारतीय ने बताया कि नागरिकों को एनएस 1 और डेंगू पाजिटिव कैसे समझे? क्या एनएस 1 पाजिटिव डेंगू नहीं है? तो डाक्टर 30 से 50 हजार रुपये बिल कैसे निकाल रहे हैं. ऐसे कई सवाल किये. जिस पर पार्षदों ने भी नागरिकों की कोरोना के बाद डेंगू के नाम पर लूट होगी. इसलिए अधिक से अधिक जनजागृति करने तथा सूखा दिन मनाने का आह्वान किया.  

आवारा कुत्तों पर 2 सप्ताह में टेंडर प्रोसेस
डा. सचिन बोंद्रे ने बताया कि आवारा कुत्तों को लेकर भी आमसभा में जमकर बहस छिड़ी. नागरिकों को होने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए 2 सप्ताह में टेंडर प्रोसेस होगी.    2 वर्षों से आवारा कुत्ते पकड़ने की अनुमति नहीं थी. लेकिन अब अदालत के आदेशों पर चुंगी नाका पर डॉग के लिए शेल्टर हाउस खोला जायेगा. साथ ही नसबंदी के लिए भी टेंडर प्रोसेस शुरू करेंगे. टीम की भी नियुक्ति की जाएगी जिसके चलते जल्द ही नागरिको को आवारा कुत्तों से मुक्ति मिलेगी.