अमरावती. पिछले 2 माह से बडनेरा जोन के शौचालय घोटाले में कछुआ छाप कारवाई शुरू है. मनपा प्रशासन ने 73 लाख रुपये फर्जी बिल की शिकायत दी. पुलिस ने 2 कर्मचारियों को गिरफ्तार भी किया, लेकिन मनपा प्रशासन कोर्ट में अपना पक्ष ताकत से ना रखने के कारण आरोपियों को कोर्ट से जमानत मिल गयी. वहीं मुख्य आरोपी ने अग्रीम जमानत के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल की है. बावजूद इसके महानगरपालिका एफआइआर दाखिल क्यों नहीं कर रही, ऐसा सवाल पूर्व पार्षद मुन्ना राठोड ने उठाते हुए एफआइआर दाखिल करने की मांग की है.
6 आरोपियों के खाते में 2.44 करोड़
मनपा आयुक्त ने पाटिल समेत 3 सदस्यीय समिति की स्थापना कर शौचालय घोटाले का रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिये. इस समिति ने 15 दिन पहले ही मनपा आयुक्त को रिपोर्ट प्रस्तुत किया है. जानकारी के अनुसार इससे पहले भी शौचालय योजना के नाम पर 2.34 से 2.44 करोड़ रुपयों का फर्जी बिल निकालने का प्राथमिक अनुमान भी लगाया गया था. इसमें मनपा के कुछ अधिकारी व ठेकेदार शामिल रहने की जानकारी है. समिति के रिपोर्ट के अनुसार 6 आरोपियों के बैंक खातों में कुल 2 करोड़ 44 लाख रुपये उनके बैंक खातों में जमा किये गये.
मल्टी यूटिलीटी की पुर्नरावृत्ती
इससे पूर्व भी मनपा के फायर ब्रिगेड विभाग में मल्टी युटिलिटी रेस्क्यू वाहन खरीदी में 2 करोड़ 40 लाख रुपये का घोटाला हुआ था. आमसभा में प्रस्ताव के माध्यम से पीठासीन सभापति ने पूर्व न्यायाधीश के अध्यक्षता में समिति स्थापना की थी. समिति ने इस संदर्भ में अपनी रिपोर्ट मनपा आयुक्त को 6 महीने पहले ही प्रस्तुत की थी. बावजूद इसके अभी तक दोषी पर कारवाई नहीं की गयी. महापालिका में हो रहे घोटाले के कारण आम जनता में संभ्रम निर्माण हो रहा है. इसलिए शौचालय घोटाले में तत्काल फौजदारी दाखिल कर इसमे शामिल आरोपियों पर कारवाई करें, अन्यथा आरोपी भाग निकले तो इसकी जिम्मदारी प्रशासन की रहेगा, ऐसी चेतावनी भी दी.