Nagpur High Court
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    अमरावती. महानगर पालिका का सर्वाधिकारी कौन? यह सवाल फिर एक बार उपस्थित हो गया है. अब इस सवाल का जवाब प्राप्त करने के लिए पूर्व महापौर तथा स्वीकृत पार्षद मिलिंद चिमोटे व पार्षद सुनील काले ने हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में रिट पीटिशन दायर कर दी है.

    सरकार के नगर विकास विभाग ने आमसभा के उपायुक्त नियुक्ति के प्रस्ताव को विखंडित किया है. साथ ही इस मामले में आयुक्त के निर्णय पर मुहर लगाई है. जिस पर इस सरकारी आदेश को हाइकोर्ट में चुनौती दी है. इस मामले में राज्य के प्रधान सचिव, मनपा आयुक्त समेत महापौर को भी प्रतिवादी बनाया गया है. जिससे मनपा की करवट लेती राजनीति में नया रोमांच उत्पन्न हो गया है. 

    पीटिशन नंबर 1992/2021 पर नोटिस इश्यू

    हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने मिलिंद चिमोटे व सुनील काले की पीटिशन (नंबर 1992/2021) को स्वीकृत कर नगर विकास विभाग, राज्य के प्रधान सचिव समेत अमरावती मनपा आयुक्त व महापौर से जवाब दाखिल करने के आदेश दिए है. मनपा की आमसभा में जो निर्णय लिए जाते है. उसके अनुपालन की जिम्मेदारी प्रशासन की है.

    मनपा की आमसभा के अधिकारों का हनन करना उचित नहीं है. आमसभा में बैठने वाले पार्षद जनता द्वारा निर्वाचित सदस्य रहने से सदन को ही सर्वाधिकार है. मनपा यानी मनपा की सर्व दलीय पार्षदों की कार्यकारिणी हैं. केवल आयुक्त को ही सभी अधिकार बहाल नहीं किए गए है. आमसभा के भी अपने अधिकार है. जिसका उल्लंघन किया जा रहा है. यह आरोप भी संबंधित पार्षदों द्वारा हाईकोर्ट में दाखिल पीटिशन के माध्यम से लगाया गया है.