पांचवीं की कक्षाएं जोडने के निर्णय पर यूटर्न का विरोध

  • प्राथमिक शिक्षक समिति की कड़ी आपत्ति

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अमरावती. पांचवीं कक्षा जोड़ने के निर्णय को लेकर राज्य सरकार के यूटर्न पर महाराष्ट्र प्राथमिक शिक्षक समिति ने कड़ा विरोध दर्ज किया है. समिति के अनुसार निकाय संस्था की शालाओं में पाचवीं कक्षा जोडे जाने का निर्णय ग्रामीण विद्यार्थियों के सुविधाजनक था. लेकिन सरकार ने अपना निर्णय 2 दिनों में ही वापस ले लिया. नौबत आने पर इसके खिलाफ महाराष्ट्र प्राथमिक शिक्षक समिति आंदोलन करेंगी. 

ग्रामीण विद्यार्थियों पर अन्याय

प्राथमिक समिति के प्रचार प्रमुख राजेश सावरकर के अनुसार शिक्षण अधिकार अधिनियम 2009 के अनुसार कक्षा पहली से पांचवीं और छठवीं से आठवीं तथा नौवीं से दसवीं ऐसा पैटर्न करना आवश्यक है. आज 11 वर्षों के बाद भी यह नहीं हो पा रहा है. निजी शाला व संचालक तथा शिक्षक विधायकों के दबाव में जिला परिषद शालाएं बंद करने का षड्यंत्र किया जा रहा है. प्राथमिक शिक्षक व संगठनों द्वारा ऐसे निर्णय का कड़ा विरोध किया जा रहा है. 16 सितंबर को सरकार ने एक परिपत्रक जारी कर निकाय संस्थाओं की शालाओं में नैसर्गिक बढ़ोतरी के अनुसार पांचवीं कक्षा जोड़ने के आदेश जारी किए थे, लेकिन केवल 2 दिनों में ही औरंगाबाद विभाग के शिक्षक विधायक विक्रम काले और कुछ शिक्षक विधायकों, भावी शिक्षक विधायक उम्मीदवारों के दबाव में शिक्षा मंत्री ने अपना यह साहसी निर्णय वापस ले लिया. यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है.

नौबत आने पर राज्य में आंदोलन  

 राज्य में लाखों विद्यार्थी जिला परिषद शाला में शिक्षा ले रहे है. गांव में पहली से चौथी और सातवीं की शाला उपलब्ध है. पांचवी और आठवीं कक्षा में अपने गांव की शाला में पढ़ना संभव नहीं हो पाता. 2 से 5 किलोमीटर पैदल यात्रा कर ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा पूर्ण करने विद्यार्थी विवश है. अनेक विद्यार्थी शालाबाह्य हो रहे है. इसीलिए जिला परिषद, नगर पालिका और महानगरपालिका शालाओं में नैसर्गीक बढ़ोतरी के आधार पर पांचवीं की कक्षाएं जोड़ना आवश्यक है. शिक्षा अधिकार अधिनियम में भी यही बात दर्ज है, लेकिन सरकार ने ग्रामीण विद्यार्थियों से शिक्षा के अवसर पर कुठाराघात किया है. इस मामले में महाराष्ट्र प्राथमिक शिक्षक समिति सरकार से लगातार फॉलोअप लेंगी. नौबत आने पर इसके खिलाफ समूचे राज्य में आंदोलन छेड़ने से भी प्राथमिक शिक्षण समिति पीछे नहीं हटेगी. सभी अभिभावक शिक्षक व शिक्षक संगठनाएं इसके लिए प्रयास करेगी.