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धारणी. आदिवासी बहुल क्षेत्र मेलघाट में पेसा कानून लागू किया गया है. ग्राम पंचायत स्तर पर ग्रामीणों को अनेक अधिकार दिए गए हैं, लेकिन इन दिनों रेती माफियाओं व राजस्व विभाग द्वारा पेसा कानून का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है. सैकड़ों ब्रास रेत की रोजाना चोरी हो रही है. जबकि आदिवासियों को घरकुल के लिए अपने अधिकार की रेती तक नहीं मिल रही.

आदिवासियों के अधिकार का हनन
पेसा कानून के तहत प्रति लाभार्थी को घरकुल के लिए 5 ब्रास रेती बैलगाड़ी अथवा अन्य वाहनों से लाने की छूट है, लेकिन इस कानून का दुरुपयोग रेती माफिया करते हैं. तहसील की गडगा, शिप्रास तापी, मेलडोह, डवाल, खंडू कोकरी, खापरा, तलवार जैसी मुख्य नदियों के पात्र से सैकड़ों ब्रास रेती चोरी कर वाहनों में भर कर ले जा रहे हैं. लेकिन रेती तस्करी पर राजस्व विभाग, पुलिस अथवा वन विभाग की का भी ध्यान नहीं है. जबकि घरकुल के लाभार्थियों को रेती नहीं मिल रही है.

करेंगे जनांदोलन
मेलघाट में पेसा कानून का उल्लंघन हो रहा है. यह बड़ा अपराध है. इस दिशा में संबंधित विभाग तुरंत कार्रवाई करें. अन्यथा प्रशासन के विरोध में जनांदोलन किया जाएगा.

-मन्नालाल दारसिंबे, अध्यक्ष, मेलघाट इलाखा ग्रामसभा संगठन