महिलाओं का विराट मोर्चा धमका, उमेद कर्मियों को पूर्ववत करें

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अमरावती. महिलाओं के विकास के उमेद अभियान के अधिकारी व कर्मचारियों की सेवा बाह्य संस्थाओं की ओर वर्ग ना करते पूर्ववत स्थायी करने की मांग को लेकर उमेद ठेदा कर्मचारी कृति समिति के बैनर तले हजारों महिला कर्मचारियों ने सोमवार को इर्विन चौक से विशाल मूक मोर्चा निकाला. उमेद कर्मचारियों की विभिन्न मांगों के लिए निकाले गए विशाल मूक मोर्चा में 3 हजार से अधिक महिला कर्मचारी मूंह पर काली पट्टियां बांधकर पैदल कैम्प रोड पर निकल पड़ी. हमारी उमेद हमारा अभियान, कर्मियों को पुर्ननियुक्ति देने जैसे मांगों के बैनर लेकर महिलाएं शामिल हुए. इर्विन से मोर्चा निकलकर गर्ल्स हाईस्कूल चौक कैम्प होकर कलेक्ट्रेट पहुंचा. भाजपा ने समर्थन देकर सक्रिय सहभाग लिया. 

मूक मोर्चे में सडक पर बैठे आंदोलनकारी 

कलेक्ट्रेट के समक्ष गाडगे नगर पुलिस ने मूक मोर्चा कारियों को बैरीगेट डालकर रोक लिया. यहां महिला कार्यकर्ता सडक के दोनों ओर से बैठ जाने से इस मार्ग का यातायात पूरी तरह से बंद हो गया. जिससे पुलिस को दूसरे मार्ग पर भी बैरीगेट डालकर उसे बंद करना पडा. इस दौरान महिलाएं सडक पर बैठ गई. जिन्होंने यहां धरना आंदोलन किया. इस बीच कृति समिति के एक प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री उद्वव ठाकरे के नाम से जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया. जिसमें बताया कि महाराष्ट्र राज्य ग्रामीण जीवनोन्नति अभियान राज्य में 2011 से शुरु है.

सीएम ठाकरे से गुहार

इस अभियान अंतर्गत महिलाओं की संस्था निर्माण करना (महिला बचत समूह, ग्राम संघ व प्रभाग संघ), महिलाओं की क्षमता बढाने उन्हें आर्थिक दृष्टिकोन से साक्षर कर आर्थिक समावेशन करने व स्वंय उपजीविका निर्माण करने जैसे महत्वपुर्ण कार्य अभियान के माध्यम से होते थे. राज्य में 478204 बचत समूह निर्माण कर उसमें राज्य के कुल 4934601 परिवार की महिलाएं सहभागी हुई थी. इस अभियान में अच्छे व पारदर्शक पध्दति से काम शुरु होने के बावजूद 10 सितंबर 2020 को ग्रामीण जीवानोन्नति अभियान मुंबई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने एक पत्र जारी कर अभियान से जुटे सभी कर्मचारियों के करार खत्म कर उन्हे पुर्ननियुक्ति ना देकर करार रोक दिया. जिससे समूचे राज्य में काम रुक गया. इसीलिए अभियान से जुटे महिला कर्मचारियों पर अन्याय हुआ है. इन कर्मियों को पुर्ननियुक्ति देने, किसी भी बाहय संस्था को कर्मचारी की नियुक्ति का अधिकार ना देने, ठेका कर्मियों के पद स्थायी करने, ग्राम विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को पद से हटाए जैसे मांगों पर सीएम ठाकरे से गुहार लगाई है.