चिंता: नागवणी के साथ इल्लियों का प्रकोप, 4 तहसीलों में प्रादुर्भाव

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    • सोयाबीन पर संकट छाया 

    अमरावती. इस वर्ष बरसों बाद समय पर मानसून दाखिल होकर अच्छी बारिश से शुरुआत हुई. जिससे हर्षाए किसानों ने फटाफट बुआई निपटाई, लेकिन खरीफ के प्रारंभिक दौर में ही सोयाबीन पौधों पर इल्लियों ने आक्रमण कर दिया है. किसानों की आंखों के सामने नागवणी व इल्लियों सैकड़ों हेक्टेयर क्षेत्र में सोयाबीन की नगद फसल चट कर रही है. अचलपुर, चिखलदरा, धारणी, धामणगांव रेलवे तहसील में इसका सर्वाधिक प्रादुर्भाव देखा जा रहा है. पहले ही इस वर्ष जैसे-तैसे सोयाबीन बीज का प्रबंध कर पाए किसानों के सामने यह संकट फिर आंसू ला रहा है.   

    एक भी पौधा नहीं बचा

    चिखलदरा तहसील के बहादरपुर व टेब्रूसोंडा में किसानों ने बड़े पैमाने पर सोयाबीन की बुआई की है. लेकिन बुआई के 10-15 बाद ही सोयाबीन पौधों पर बालों वाली इल्लियों ने हल्लाबोल कर दिया है. यह इल्लियां सोयाबीन का एक भी पौधा जीवित नहीं रख रही है. पांच गुना भाव से किसानों ने सोयाबीन बीज खरीदे है. 35 रुपए किलो के बीज 140 रुपए के भाव से खरीदने पड़े है. उसमें भी कुछ किसानों की फसल आई तो कुछ किसानों के सोयाबीन से अंकुर नहीं फूटे. उसमें अब इल्लियों का प्रकोप हो गया है. कृषि विभाग से तत्काल पंचनामा कर नुकसान भरपाई मिलने की व्यवस्था करने की मांग बहादरपुर के किसान प्रकाश जामकर समेत अन्य क्षतिग्रस्त किसानों ने की है. 

    छिड़काव भी किया 

    टेम्ब्रूसोंडा मंडल के धरमडोह, बहादरपुर, वाकी, सत्ती, रुईपाठा, वाकी व मोरगड गांव में सोयाबीन पर बालों वाली इल्लियों का प्रादुर्भाव है. किसानों ने प्रोफेनोफॉस, सायपरमेथ्रीन, क्लोरोपरिफोस, सायपमेथ्रीन,थायोडिकरब, किप्रोनील, टायझोफोस का छिड़काव भी किया है. -शरद वरणकर, कृषि पर्यवेक्षक

    दो तहसीलों में नागवणी का आक्रमण

    अचलपुर व धामणगांव रेलवे तहसील में खरीफ के लिए किसानों ने सोयाबीन व कपास को पहली पसंदी दी है. लेकिन बुआई के बाद सोयाबीन पौधों पर  नागवणी इल्लियों का आक्रमण हो गया है. एक पौधे पर 2 से 3 इल्लियां पौधों की पत्तियां चट कर रही है. जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है. 

    मुसलाधार बारिश से बह गई अंकुरित फसल

    • किसानों ने की मुआवजे की मांग

    पुसला परिसर में सोमवार को हुई बारिश से खेत जमीन खरडने से किसानों द्वारा बुआई किया गया बीज और अंकुरित फसल बह गयी. जिसके चलते किसानों का आर्थिक नुकसान हुआ है. इसीलिए किसानों ने आर्थिक मुआवजा की मांग की है राष्ट्रवादी ग्रामीण जिला उपाध्यक्ष आशीष श्रीराव के नेतृत्व में किसानों ने की है. प्रशासन को ज्ञापन सौंपते हुए किसानों ने बताया कि सोमवार को हुई मूसलाधार बारिश से किसानों को दुबार बुआई का खर्चा उठाना पड़ेगा.

    दोपहर 3 से अधिक घंटो तक हुई इस बारिश ने किसानों द्वारा बुआई की गई फसल पूरी तरह चौपट कर दी. घंटो तक हुई बारिश के कारण नदी नालों को भी बाढ़ आ गई. जिससे भी किसानों की फसलें पूरी तरह बह गई. पुसला परिसर में किसानों का बड़े पैमाने पर आर्थिक नुकसान हुआ है. इसीलिए कृषि विभाग में सर्वेक्षण कर किसानों को मदद करनी चाहिए, ऐसी मांग जिला उपाध्यक्ष आशीष श्रीराव ने की.