NASAL-VACCINE
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    नयी दिल्ली. जी हाँ अब देश के लिए कोरोना वैक्सीन के मोर्चे पर बड़ी ही अच्छी खबर है। अगर ख़बरों की मानें तो भारत बायोटेक की नेज़ल वैक्सीन (Nasal Spray Vaccine) के दूसरे और तीसरे फेज़ का क्लीनिकल ट्रायल जाक्ल्ड ही अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में शुरू होने वाला है। इस बाबत कंपनी को दूसरे और तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल के लिए नियामक की मंजूरी भी बीते अगस्त में ही मिल गई थी। पता हो कि उक्त वैक्सीन को नाक के ज़रिए दी जाती है। इस मूदे पर एक्सपर्ट्स का भी कहना है कि ये आने वाले दिनों में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में यह काफ़ी ज्यादा कारगर साबित होगी।

    वहीं समाचार एजेंसी ANI के सूत्रों के अनुसार, आगामी एक-दो हफ्ते के अंदर इस वैक्सीन का ट्रायल शुरू हो जाएगा। इस ट्रायल को फिलहाल AIIMS की एथिक्स कमेटी से हरी झंडी मिलने का इंतज़ार है। वहीं इस वैक्सीन के प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर डॉक्टर संजय राय होंगे। ट्रायल के दौरान वॉलंटियर्स को नेज़ल वैक्सीन की दो डोज़ 4 हफ्तों के अंतर पर दे दी जाएगी। आपको बता दें कि कोरोना टीकाकरण में क्रांति लाने के लिए अब देश में पहली बार कोरोना की नेज़ल वैक्सील का ट्रायल हो रहा है।

    क्या हैं फेज 1 के नतीजे

    दरअसल यह टीका बीबीवी154 है, जिसकी प्रौद्योगिकी, भारत बायोटेक को सेंट लुईस स्थित वाशिंगटन यूनिवर्सिटी से मिली थी। इस बाबत अब कंपनी ने जानकारी दी है कि पहले चरण के क्लिनिकल ट्रायल में स्वस्थ वॉलिंटियर्स को दी गई टीके की खुराकों को मानव शरीर ने इसे अच्छी तरह स्वीकार किया है। वहीं किसी गंभीर प्रतिकूल प्रभाव की जानकारी नहीं है। साथ ही क्लिनिकल पूर्व अध्ययनों में भी उक्त टीका सुरक्षित पाया गया था। वहीं जानवरों पर हुए इस टिके के अध्ययन में यह टीका एंटीबॉडी का उच्च स्तर बनाने में भी सफल रहा था।

    कितना असरदार है नेज़ल  वैक्सीन

    अगर वैज्ञानिकों की मानें तो ये नेजल वैक्सीन नाक में म्यूकस मैंबरेन को प्रोटेक्ट कर देगी। ये ठीक उसी तरह होगा, जैसे पोलियो की ओरल ड्राप बच्चों को दी जाती है। इससे पूरे पेट या अमाश्य के ऊपर वायरस के खिलाफ एक सुरक्षा कवच बन जाता है। इसीलिए एक्सपर्ट्स का यह भी कहना है कि नाक से होने वाले संक्रमण को रोकने के लिए लोगो को कोरोना प्रोटोकॉल के अनुरूप व्यवहार अपनाना बेहद जरूरी है।