
मुंबई. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बढ़ती महंगाई को काबू में लाने के लिये बुधवार को प्रमुख नीतिगत दर रेपो (Repo Rate) को 0.5 प्रतिशत बढ़ाकर 4.9 प्रतिशत कर दिया। आरबीआई के इस कदम से कर्ज महंगा होगा और कर्ज की मासिक किस्त यानी ईएमआई बढ़ेगी। इससे पहले, चार मई को आरबीआई ने अचानक से रेपो दर में 0.4 प्रतिशत की वृद्धि की थी।
The MPC voted unanimously to increase the policy repo rate by 50 bps to 4.90%: RBI Governor Shaktikanta Das pic.twitter.com/KS8RswFIEy
— ANI (@ANI) June 8, 2022
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि एमपीसी ने आम सहमति से नीतिगत दर में 0.5 प्रतिशत की वृद्धि का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि महंगाई दर चालू वित्त वर्ष की पहली तीन तिमाहियों में छह प्रतिशत से ऊपर बने रहने की आशंका है। आरबीआई मौद्रिक नीति पर विचार करते समय मुख्य रूप से खुदरा महंगाई दर को ध्यान में रखता है।
Limits for individual housing loans extended by urban cooperative banks&rural cooperative banks,last fixed in 2011&2009 respectively, being revised upwards by over 100% taking into account increase in house prices. It’ll facilitate better flow of credit to housing sector: RBI Gov pic.twitter.com/9AoYmbkKEy
— ANI (@ANI) June 8, 2022
खुदरा मुद्रास्फीति अप्रैल में आठ साल के उच्च स्तर 7.79 प्रतिशत रही। यह केंद्रीय बैंक के संतोषजनक स्तर से कहीं अधिक है। आरबीआई को खुदरा महंगाई दो से छह प्रतिशत के दायरे में रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष 2022-23 में आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 7.2 प्रतिशत पर बरकरार रखा है।