लॉकडाउन काल में 1200 पत्रकार बेरोजगार हुए

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  •  सरकार करें पत्रकारों की मदद
  • कांग्रेस नेता डॉ. देहाडे की सीएम ठाकरे से मांग

औरंगाबाद. कोरोना महामारी के चलते गत 4 माह से देश भर में निर्माण हुए संकट तथा लॉकडाउन के चलते राज्य कई नामचीन अखबारों में पत्रकार के रूप में कार्यरत 1200 पत्रकारों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है. जिन पत्रकारों ने नौकरी गंवायी, उनके पास इनकम का कोई स्रोत नहीं है. कुछ लोगों की उम्र हो चुकी है. नौकरी कहां मिलेंगी, इसको लेकर उनकी नींद हराम हो चुकी है. पत्रकारों के समक्ष निर्माण हुई इस संकट में सरकार पत्रकारों की ओर ध्यान देकर उन्हें राहत पहुंचाने वाला निर्णय ले. यह मांग कांग्रेस पार्टी के अनुसूचित जाति जनजाति विभाग के प्रदेश कार्याध्यक्ष डॉ. जितेन्द्र देहाडे ने राज्य के मुखिया उध्दव ठाकरे को एक ज्ञापन भेजकर की.

ज्ञापन में डॉ. देहाडे ने बताया कि कोरोना को हराने के लिए राज्य सरकार कड़े प्रयास कर रही है. स्वास्थ्य सेवा से कोई भी वंचित ना रहे, इसको लेकर स्वयंसेवी संस्था, राजनीतिक दल व विविध संगठनाएं दिन-रात काम रही है. इसमें अपने कलम के माध्यम से समाज को आईना दिखानेवाले मीडिया कर्मी के समक्ष भी कई संकटे निर्माण हुई है. हर संकट को नजर अंदाज कर अखबारों के मालिकों ने पत्रकारों को जॉब से निकाला है. 

पत्रकार आज खुद ही एक समाचार बन गया 

गत कई सालों से एक ही संस्था में काम करनेवाले कई पत्रकारों को चंद दिनों में जॉब से हटाया गया. अपनी कलम के माध्यम से लोगों को न्याय देनेवाला पत्रकार आज खुद ही एक समाचार बन कर रह गया है. पत्रकारों के समक्ष कमाई का कोई साधन न होने से उन पर भूखे मरने की नौबत आई है. पत्रकारों के समक्ष निर्माण इस संकट की घड़ी में पत्रकारों को न्याय देने का काम सरकार करें. यह मांग कांग्रेस नेता डॉ. जितेन्द्र देहाडे ने मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे को ई-मेल द्वारा ज्ञापन भेजकर की.