औरंगाबाद. महाराष्ट्र में कोरोना (Corona) महामारी के बढ़ते प्रभाव को लेकर जारी लॉकडाउन (Lockdown) के चलते स्थानीय छावनी परिषद के कई उत्पन्न के स्त्रोत बंद हो चुके है। इसके बावजूद समृध्द जनजीवन इस उद्देश्य को सामने रखकर औरंगाबाद छावनी परिषद (Aurangabad Cantonment Board ) ने कोरोना का मुकाबला कर परिषद परिसर में रहनेवाले नागरिकों को बेहतर सुविधा देने का प्रयास जारी रखा है। इसके लिए औरंगाबाद छावनी परिषद के सीईओ विक्रांत मोरे (CEO Vikrant More) की पहल पर एक ही छत के नीचे कोरोना से संबंधित सभी सुविधाएं उपलब्ध कराकर एक नया मॉडल सभी के सामने लाया है।
छावनी परिषद के सीईओ विक्रांत मोरे ने बताया कि छावनी परिषद अस्पताल परिसर में टेस्टिंग, वैक्सीन, ब्लड टेस्ट, कोरोना महामारी पर इलाज यह सभी सुविधाएं एक ही छत के नीचे छावनी वासियों को मिल रही है। तीन दिन पूर्व शुरु किए गए 15 बेड के कोविड केयर सेंटर में 12 मरीजों पर इलाज जारी है। वहीं, दूसरी ओर यह हॉस्पिटल कोविड हॉस्पिटल में तब्दील करने के लिए ऑक्सिजन आपूर्ति सिस्टीम का काम युद्धस्तर पर जारी है।
12 हजार 500 लोगों को लगाए गए टीके
औरंगाबाद छावनी परिषद के सीईओ विक्रांत मोरे ने बताया कि छावनी परिषद अस्पताल में आज तक 12 हजार 500 लोगों को कोरेाना के टीके लगाए गए। साथ ही लायन्स डॉयग्नोस्टिक सेंटर के माध्यम से सभी प्रकार के टेस्ट काफी कम दाम में उपलब्ध कराए गए है। यह सभी एक ही स्थान पर जारी रखने के साथ ही रोज की ओपीडी भी काफी तत्परता से अस्पताल में जारी है। बीते सवा साल से कोरोना को लेकर सरकार द्वारा कई बार जारी किए गए लॉकडॉउन के चलते करों की राशि वसूली में भारी गिरावट आने से छावनी परिषद प्रशासन को कई आर्थिक संकटों सहित मनुष्य बल के कमी का सामना करना पड़ रहा है। इसके बावजूद छावनी प्रशासन उपलब्ध सुविधाओं के सहारे छावनी वासियों को कोरोना काल में बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने का दावा सीईओ मोरे ने किया। अस्पताल की आरएमओ डॉ. गीता मालू तथा सहायक आरएमओ डॉ. विनोद धामंडे और उनकी टीम नागरिकों को तत्काल इलाज करने के लिए तत्परता से काम कर रही है।