SP MOKSHADA PATIL

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    औरंगाबाद. औरंगाबाद जिला ग्रामीण पुलिस ने संगठित अपराधियों पर पुलिस का खौफ निर्माण करने के लिए एसपी मोक्षदा पाटिल के मार्गदर्शन में 13 शातिर अपराधियों पर महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून (मकोका) के तहत दोषारोप पत्र दाखिल करने की मंजूरी मिली है। जिससे गंभीर अपराध कर लोगों में दहशत फैलानेवाले शातिर अपराधियों में खलबली मची है।

    औरंगाबाद ग्रामीण की एसपी मोक्षदा पाटिल ( SP Mokshada Patil) ने बताया कि मकोका (MCOCA) कानून के अंतर्गत दोषी आरोपी जेल (Jail) से जल्द रिहा नहीं हो पाते। जिसके चलते जिन शातिर अपराधियों पर मकोका लगाया गया, उन्हें अपना जीवन लंबे समय तक जेल में गुजारना होता है। जिससे आरोपियों में मकोका कानून से दहशत निर्माण होती है। एसपी मोक्षदा पाटिल ने बताया कि जिले के फुलंब्री थाना अंतर्गत सातारा शिवार में राधागोविंद सेवा मिशन आश्रम पर डाले गए डाके की जांच करते समय 13 डकैतों को गिरफ्तार किया गया था। यह डाका शातिर अपराधी करणसिंह उर्फ कन्हैय्या उर्फ कन्नु महादु सोलंकी निवासी खडी क्रेशर के निकट सावंगी जिला औरंगाबाद के नेतृत्व में एक प्लान के तहत डाला गया था।

    स्पेशल आईजी ने  दी परमिशन

    जांच में ग्रामीण पुलिस ने पाया कि जिन अपराधियों ने आश्रम पर डाका डाला था वे शातिर अपराधी है। उन पर डकैती व लूटमार के कई मामले दर्ज है। इन शातिर अपराधियों के खिलाफ मकोका के तहत कार्रवाई करने की परमिशन औरंगाबाद ग्रामीण की एसपी मोक्षदा पाटिल ने औरंगाबाद रेंज के स्पेशल आईजी केएमएम प्रसन्ना  से मांगी थी। एसपी मोक्षदा पाटिल की मांग पर स्पेशल आईजी प्रसन्ना ने उन 13 शातिर डकैतों पर मकोका कानून लगाने को परमिशन दी। जिसके बाद फुलंब्री पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ सभी कानूनी प्रक्रिया पूरी कर आरोपियों के खिलाफ मकोका न्यायालय में दोषारोप पत्र दाखिल किए जाने की जानकारी एसपी मोक्षदा पाटिल ने दी।