दिसंबर अंत तक औरंगाबाद होगा डिजीटल

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  • स्मार्ट सिटी के बोर्ड सदस्यों की बैठक संपन्न

औरंगाबाद. स्मार्ट सिटी प्रकल्प में शहर में 700 सीसीटीवी कैमरे, 50 स्थानों पर डिजीटल डिस्प्ले बिठाने के अलावा कई महत्वपूर्ण काम किए जाएंगे. इन कामों पर 173 करोड़ रुपए खर्च होंगे. यह सभी कार्य पिछले कई माह से प्रलंबित होने से औरंगाबाद शहर डिजीटल नहीं हो पाया. अब इन कार्यों को गति देने से दिसबंर एंड तक यह प्रकल्प पूरी होंगे. जिसके चलते औरंगाबाद शहर दिसबंर एंड तक पूरी तरह से डिजीटल होगा.

औरंगाबाद स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कार्पोरेशन लि. के बोर्ड सदस्यों की बैठक शहर के आंबेडकर रिसर्च सेंटर में संपन्न हुई. बैठक में स्मार्ट सिटी प्रकल्प के सीईओ और मनपा कमिश्नर आस्तिक कुमार पांडेय, जिलाधिकारी सुनील चव्हाण, सीपी डॉ. निखिल गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण शिंदे, उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी पुष्कल शिवम, शहर अभियंता सखाराम पानझडे उपस्थित थे. बैठक में मास्टर सिस्टीम इंटिग्रेटेड प्रणाली के कामों का जायजा लिया गया. प्रकल्प के कन्सलटेंट प्रसाद पाटिल ने सदस्यों को जानकारी दी.

कमांड एंड कंट्रोल सेंटर, ऑपरेशन एंड कमांड सेंटर, पुलिस वीविंग सेंटर, 700 सीसीटीवी कैमरे, 50 स्थानों पर डिजीटल डिस्प्ले, शहर बस तथा कचरा संकलन करनेवाले वाहनों का ट्रैकिंग, पर्यावरण सेन्सर्स, बायोमेट्रिक पद्धति से हाजिरी, नागरिकों के लिए मोबाइल एप तथा पोर्टल के बारे में जानकारी दी. कमांड एंड कंट्रोल का निर्माण कार्य, सीसीटीवी कैमरे की आपूर्ति, पर्यावरण सेन्सर बिठाना, नागरिकों के लिए पोर्टल के  काम पूरा किए गए. प्रकल्प का काम दिसंबर एंड तक पूरा होने की जानकारी पाटिल ने दी. बैठक में सीईओ आस्तिक कुमार पांडेय ने शहागंज में स्थित क्लॉक टॉवर को पुर्नजीवित करना तथा ऐतिहासिक दरवाजों का संरक्षण करने के कार्यों को स्मार्ट सिटी में शामिल करने की सूचनाएं की. उधर, एमएसआई प्रकल्प का काम 25 जुलाई 2019 को  केईसी इंटरनेशनल एजेंसी को दिया गया है.