- क्रीडा स्पर्धा के फर्जी प्रमाण पत्र पेश कर पाई सरकारी नौकरी
औरंगाबाद. क्रीडा स्पर्धा में हिस्सा लेनेवाले खिलाड़ियों के लिए सरकारी नौकरी में 5 प्रतिशत स्थान आरक्षित होते है. इसी का फायदा उठाकर सैकड़ों फर्जी खिलाड़ियों ने नकली प्रमाण पत्र पेश कर नौकरियां हासिल की. इस मामले में औरंगाबाद क्रीडा विभाग के उपसंचालक ने जवाहर नगर थाने में दी शिकायत पर 188 फर्जी खिलाडि़यों पर मामला दर्ज किया गया
पुलिस ने बताया कि औरंगाबाद क्रीडा उपसंचालक कार्यालय ने गत कुछ सालों में 265 प्रमाणपत्र बांटने की जानकारी सामने आयी. महाराष्ट्र अमप्च्यूअर एसोसिएशन की ओर से 1988 से 2005 इस काल में 19 साल के उम्र के नीचे के उम्मीदवारों की स्पर्धा आयोजित नहीं की गई थी. सन 1997 से 2005 काल में ट्रैम्पोलीन और टंबलिंग क्रीडा स्पर्धाएं ली गई. इसके बावजूद 265 खिलाडिय़ों ने 2016 से 2019 इस काल में ट्रैम्पोलीन और टंबलीग इस क्रीडा स्पर्धा में हिस्सा लेने का अर्हता प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए प्रस्ताव के साथ ही मूल परिणाम में गड़बडि़यां की. ट्रैम्पोलीन संगठन के सचिवों के फर्जी हस्ताक्षर वाले प्रतिज्ञापत्र, फर्जी प्रवेश आवेदन प्रस्ताव के साथ पेश किए. इन दस्तावेजों के आधार पर उम्मीदवारों को 5 प्रतिशत आरक्षण के अंतर्गत अर्हता प्रमाण पत्र प्राप्त किया.
पुलिस ने शुरु की जांच
इन फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर कुछ ने सरकारी नौकरी पायी. कई लोग सरकारी नौकरी पाने के प्रतिक्षा में है. फर्जी प्रमाणपत्रों का मामला सामने आते ही क्रीडा विभाग के उपसंचालक उर्मिला मोराले ने शहर के जवाहर नगर थाना में 188 फर्जी खिलाडि़यों के खिलाफ शिकायत लिखायी. इसी शिकायत पर पुलिस ने उन सभी फर्जी खिलाडि़यों पर धारा 420 के तहत मामला दर्ज कर जांच की शुरु की है. मामले की गंभीरता को देखकर सीपी डॉ. गुप्ता ने यह जांच अपराध शाखा को सौंपी. क्राईम ब्रांच के एपीआई मनोज शिंदे इस मामले की जांच कर रहे है.