औरंगाबाद. शहर सहित आस-पास के औद्योगिक क्षेत्रों में नए-नए उद्योग लाने के प्रयासों में चेंबर ऑफ मराठवाड़ा इंडस्ट्रीज एंड एग्रीकल्चर (Chamber of Marathwada Industries and Agriculture) (सीएमआईए) जूटा है। उसके लिए जल्द ही देश सहित विश्व भर के नामचीन उद्योगों के एम.डी. और मालिकों की एक परिषद औरंगाबाद (Aurangabad) में ली जाएगी। यह जानकारी सीएमआईए के नवनिर्वाचित अध्यक्ष (President) शिवप्रसाद जाजू (Shivprasad Jaju), उपाध्यक्ष (Vice President) नितिन गुप्ता(Nitin Gupta), सचिव (Secretary) सतीश लोणीकर (Satish Lonikar) ने आयोजित प्रेस वार्ता में दी।
गौरतलब है कि हाल ही में सीएमआईए के नई कार्यरिणी का गठन हुआ। नई कार्यकारिणी के पदाधिकारियों ने प्रेस वार्ता आयोजित कर बताया कि सीएमआईए पिछले कई सालों से सामाजिक उपक्रमों में हमेशा से अग्रेसर रहा है। बीते डेढ़ साल से कोरोना महामारी को लेकर जारी लॉकडाउन में कई उद्योगों के समक्ष उत्पादन और अन्य समस्याएं निर्माण हुई है। इसी दरमियान बीते एक माह में दो से तीन परेशान उद्यमियों ने आत्महत्या की है।
शहर सहित संभाग में आर्थिक और अन्य परेशानियों से जुझ रहे उद्योमियों को राहत पहुंचाने के साथ ही कौन्सिलिंग करने के लिए सीएमआईए की ओर से हेल्प डेस्क बनाया गया है। इसके माध्यम से परेशान उद्यमियों को मॉरल सपोर्ट के साथ ही आर्थिक मदद देने का प्रयास भी किया जाएगा। उन परेशान उद्योमियों को संगठन के पूर्व अध्यक्ष समुपदेशन भी करेंगे। एक सवाल के जवाब में जाजू ने बताया कि एसबीएच बैंक राष्ट्रीयकृत एसबीआई बैंक में मर्ज होने के कारण भी मराठवाड़ा के उद्योजकों के समक्ष अपने उद्योगों को कर्ज पाकर उभारने में कई समस्याएं निर्माण हो रही है। उद्योग शुरु करने के लिए एसबीएच बैंक की ओर से बड़ी आसानी से कर्ज उपलब्ध होता था। आज एसबीआई से कर्ज पाना उद्योजकों को टेढी खीर साबित हो रहा है। एसबीएच मराठवाडा की सबसे बड़ी बैंक थी। इसलिए उस बैंक से उद्योमियों को बड़ी राहत थी।
युवाओं को उद्योग क्षेत्रों की ओर किया जाएगा आकर्षित
शिवप्रसाद जाजू और नितिन गुप्ता ने बताया कि हमारा प्रयास है कि युवा वर्ग शिक्षा हासिल करने के बाद नौकरियों के पिछे न भागते हुए उद्योगों की ओर आकर्षित हो। इसके लिए संगठन की ओर से युवाओं को उद्योग क्षेत्र में लाने के लिए विविध उपक्रमों पर अमलीजामा पहनाया जाएगा। खासकर, संगठन की ओर से कौशल विकास ट्रैनिंग छात्रों को देने के लिए नियोजन जारी है। हम एक साथ 300 से 400 युवाओं को कौशल विकास टै्रनिंग देने का नियोजन कर रहे है।
बेहतर रहा कोरोना काल में औरंगाबाद में उत्पादन
शहर के वालूज एमआईडीसी क्षेत्र में स्थित बजाज कंपनी पर बहुत सारे उद्योग निर्भर है। कोरोना काल में बजाज में बाईक और रिक्शा का उत्पादन लगातार जारी था। हर दिन बजाज कंपनी में सवा लाख से अधिक वाहनों का उत्पादन हो रहा है। बजाज के वाहन का निर्यात लगातार जारी रहने से लॉकडाउन काल में भी औरंगाबाद के उद्योजकों को बहुत अधिक हानि नहीं पहुंच पायी। बल्कि, 60 से 70 प्रतिशत उत्पादन जारी था।
उद्योग संगठनाओं की ओर से 9 करोड़ की मदद
कोरोना काल में सीएमआईए सहित अन्य उद्योग संगठनाओं द्वारा 9 करोड़ की मदद जिला प्रशासन को प्रदान की गई। मराठवाड़ा के सबसे बड़े घाटी अस्पताल में ऑक्सिजन प्लांट उद्योग संगठनओं की ओर से लगाया गया। साथ ही उद्योग क्षेत्रों में कार्यरत करीब 80 प्रतिशत कामगार और कर्मचारियों को कोरोना का प्रथम डोज दिया गया। इसके लिए शहर के कई नामचीन कंपनियों ने निजी अस्पतालों से टायअप कर कामगारों और कर्मचारियों को टीके लगवाए है। 23 मार्च 2020 को शहर में लॉकडाउन लगाने के चंद दिनों बाद ही उद्योग संगठनाओं ने प्रशासन को कोरोना महामारी से बचने के लिए सारे नियमों का पालन कर उद्योग शुरु करने के लिए प्रयास किए। जिसमें हमें कामयाबी भी मिली। पत्रकार परिषद में संगठन सहसचिव अनिल माली उपस्थित थे।