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    औरंगाबाद. गत वर्ष मार्च माह में कोरोना (Corona) के कारण देशभर में लॉकडाउन (Lockdown) लगा था, इस वर्ष भी मार्च माह में ही कोरोना महामारी ने फिर से पांव पसारना शुरु कर दिया है। बीते एक पखवाड़े से औरंगाबाद (Aurangabad) सहित संभाग के हर जिले में कोरोना संक्रमित मरीज बड़ी संख्या में पाए जाने से प्रशासन के हाथ पांव फुल रहे है। मरीजों की बढ़ती संख्या से परेशान संभाग के तीन जिलों के प्रशासन ने एक सप्ताह से लेकर 10 दिनों के  लिए लॉकडाउन जारी किया है। संभाग के परभणी (Parbhani), बीड (Beed) और नांदेड (Nanded) में इन दिनों लॉकडाउन जारी है। प्रशासन द्वारा लिए गए इस सख्त निर्णय से हर दिन काम कर अपना पेट पालनेवाले नागरिकों के समक्ष फिर एक बार कई कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। संभाग के नागरिक लॉकडाउन लगाने को लेकर खुलकर विरोध कर रहे हैं। 

    फरवरी माह के दूसरे सप्ताह से औरंगाबाद में कोरोना मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा था। इसमें फरवरी एंड में और अधिक मरीज पाए जाने के बाद प्रशासन सक्ते में था। मार्च माह के प्रथम सप्ताह में प्रशासन ने सख्त कदम उठाने आरंभ किए, इसके बावजूद संभाग के हर जिले में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। वर्तमान में हालत यह है कि औरंगाबाद में हर दिन एक हजार से अधिक मरीज पाए जा रहे है। उधर, संभाग के परभणी, बीड, जालना, नांदेड में बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित मरीज पाए जाने से प्रशासन सक्ते में है। यही कारण है कि संभाग के बीड, परभणी और नांदेड में लॉकडाउन लगाया गया है। प्रशासन के इस निर्णय से नागरिकों में बेचैनी है। 

    लॉकडाउन लगाने के निर्णय का विरोध शुरु

    संभाग के कई संगठनों और राजनीतिक दलों ने फिर से  लॉकडाउन लगाने के निर्णय का विरोध शुरु किया है। जन प्रतिनिधियों का कहना है कि प्रशासन महामारी को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए, परंतु लॉकडाउन न लगाए। प्रशासन के लॉकडाउन लगाने के निर्णय से हर दिन मजदूरी कर अपना परिवार का पेट पालनेवाले नागरिकों के समक्ष कई दिक्कतें हो रही हैं। 

    परभणी के नागरिक जिलाधिकारी के निर्णय से खफा 

    संभाग के परभणी जिले में हर दिन 200 से 300 संक्रमित मरीज पाए जा रहे हैं। जानकारों का मानना हैं कि परभणी जिले की जनसंख्या के अनुसार, हर दिन 200 से 300 मरीज पाए जाना यह गंभीर बात नहीं है। परंतु परभणी के कलेक्टर दीपक मुगलीकर पिछले एक साल से मनमानी करते हुए बार-बार लॉकडाउन लगाकर लोगों को परेशान कर रहे है। व्यापारियों का कहना है कि लॉकडाउन कोरोना महामारी को लगाम लगाने के लिए उपाय नहीं है। प्रशासन महामारी को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए। सरकार द्वारा जारी नियमों का जो लोग पालन नहीं कर रहे हैं, उन पर  सख्ती बरतते हुए कानूनी कार्रवाई करें। प्रशासन द्वारा बार-बार लॉकडाउन लगाने के लिए जा रहे निर्णय से आम आदमी को भूखे मरने की नौबत आ रही है। 24 मार्च यानी बुधवार की रात से परभणी जिले में लॉकडाउन जारी हुआ हैं, जो 31 मार्च तक चलेगा। इस काल में जरुरी सेवाओं को छोड़कर किसी  भी व्यक्ति को  घर के बाहर न निकलने की अपील प्रशासन द्वारा की गई है। 

    बीड में गुरुवार रात से 10 दिन का लॉकडाउन 

    उधर, संभाग के बीड जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बड़ी पैमाने पर सामने आने पर जिला प्रशासन ने गुरुवार रात से 10 दिन का लॉकडाउन लगाने का निर्णय लिया है। इस निर्णय के तहत बीड जिले में 26 मार्च से 4 अप्रैल तक  लॉकडाउन जारी रहेगा। लॉकडाउन में जरुरी सेवाओं को छोड़कर अन्य सभी व्यवहार बंद रहेंगे। बीड के कलेक्टर रविन्द्र जगताप ने कहा कि लोगों को कई बार नियमों का पालन करने के लिए सख्त चेतावनी दी गई। इसके बावजूद लोग नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। ऐसे में बीड जिला प्रशासन ने 10 दिन का लॉकडाउन लगाने का निर्णय लिया है। 

    नांदेड में भी लॉकडाउन जारी 

    उधर, नांदेड में भी इन दिनों लॉकडाउन जारी है। नांदेड जिला प्रशासन ने लॉकडाउन में सभी बाजारों को बंद रखने के  अलावा धार्मिक स्थलों में पूजा अर्चना को पूरी तरह पाबंदी लगाई है। नांदेड में आगामी 4 अप्रैल तक लॉकडाउन जारी रहेगा।

    मृतकों का आंकड़ा बढ़ने से प्रशासन चिंतित 

    इन दिनों कोरोना महामारी से पीड़ित लोग बड़ी संख्या में जान गंवा रहे है। जिससे प्रशासन की चिंता बढ़ी है। बुधवार को मराठवाड़ा में 52 लोगों ने इस बीमारी से जान गंवाई। उसमें औरंगाबाद में 23, जालना में 8, बीड-नांदेड-परभणी में प्रति 6, लातूर में दो तथा हिंगोली में एक व्यक्ति की मौत हुई है। पहले इस महामारी से 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोग अधिक चपेट में आकर अपनी जान गंवा रहे थे। बीते एक सप्ताह में 30 साल से अधिक उम्र के लोग भी इस महामारी के चपेट में आ रहे हैं।