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– प्रशासन के सारे प्रयास नाकाम 

– जनता में बड़ी बेचैनी 

औरंगाबाद. मनपा, पुलिस व जिला प्रशासन द्वारा लाख कोशिश करने के बावजूद शहर में हर दिन कोरोना संक्रमित मरीज बड़ी संख्या में पाए जा रहे हैं. आज तक शहर की 190 बस्तियां कोरोना संक्रमित हुई, जिसमें 110 बस्तियों में बार-बार मरीज मिलने से प्रशासन सक्ते में है.

लॉकडाउन में जरुरी सामग्री खरीदने के लिए दी जा रही छुट में लोग बड़े पैमाने  पर घरों से बाहर निकल रहे है. इस पर रोक लगाने के लिए पुलिस प्रशासन सक्त कदम उठा रहा है. इसके बावजूद संक्रमण फैलने का सिलसिला बरकरार है.इससे यह साफ है कि प्रशासन द्वारा कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए उठाए जा रहे कदम नाकाम साबित हो रहे है.

मरीजों की संख्या बढ़ रही

2 सप्ताह पूर्व प्रशासन द्वारा 6 दिन तक सख्त 100 प्रतिशत लॉकडाउन किया गया. उसके बाद लॉकडाउन में दी जा रही छूट में सड़कों पर बड़े पैमाने पर बाहर निकले वाहन धारकों को  पुलिस द्वारा रोककर घर से बाहर निकलने का कारण पूछकर कानूनी कार्यवाही करने का सिलसिला जारी है. एक पखवाड़ा पूर्व 6 दिन तक सख्त लॉकडाउन करने के एक सप्ताह बाद तक संक्रमित मरीजों की संख्या में गिरावट आयी थी, परंतु 21 मई से फिर सुबह 7 से दोपहर 2 बजे तक जरुरी सामग्री खरीदने के लिए दी गई छूट के बाद से  संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है. रविवार को 42 नए मरीज पाए जाने के बाद जिले में कुल संक्रमितों की संख्या 1540 पर जा पहुंची है. इसमें 976  मरीज कोरोना से पूरी तरह मुक्त होकर घर भी लौटे है. वहीं 494 मरीजों पर इलाज जारी है. 

190 बस्तियां संक्रमित 

अप्रैल माह के 25 तारीख तक शहर में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या सिर्फ 50 थी. बीते सवा माह में संक्रमितों की संख्या में तेजी से इजाफा होकर आज वह 1500 पार कर चुकी है. इससे  यह साफ हैं कि बीते सवा माह में जिले में 1500 के करीब संक्रमित पाए गए. शनिवार को औरंगाबाद दौरे पर आए जिले के पालकमंत्री सुभाष देसाई ने भी संक्रमितों की बढ़ती संख्या पर चिंता जताकर प्रशासन को औरंगाबाद शहर को रेड जोन से ग्रीन जोन में लाने के निर्देश दिए है. इधर, मनपा प्रशासक आस्तिककुमार पांडेय शहर को कोरोना से मुक्त करने के लिए हर तरह के प्रयासों में जूटे है. वे कई सख्त कदम भी उठा रहे है. इसके बावजूद उन्हें सफलता हाथ नहीं लग रही है.

11 बस्तियां अब तक बनी हॉटस्पॉट

मार्च से अप्रैल माह के एंड तक पुराने शहर के कुछ चुनिंदा इलाकों में ही मरीज पाकर वह हॉटस्पार्ट बने थे, परंतु बीते एक माह में नए शहर के पुंडलीकनगर, राम नगर, संजय नगर-मुकुंदवाडी में मरीज बड़ी संख्या में पाए गए. मनपा सूत्रों ने बताया कि अब तक शहर के 11 इलाके हॉटस्पॉट बने है. इन 11 इलाकों में 30 से अधिक कोरोना संक्रमित पाए गए. इनमें शहर के  हुसैन कालोनी, भवानीनगर, जय भीम नगर, कैलास नगर, न्यायनगर, सिल्क मिल कालोनी, नुर कालोनी भी शामिल है. बीते एक माह से हालत यह है कि शहर के हर इलाके में कोरोना संक्रमित मरीज पाए जाने से नागरिकों में इस महामारी को लेकर दहशत का माहौल बरकरार है. 

कोरोना के साथ-साथ सारी बीमारी का खौफ बरकरार 

उधर, शहर में अप्रैल माह में सारी बीमारी ने बड़े पैमाने पर पांव पसार थे. कोरोना के साथ-साथ सारी बीमारी के मरीज बड़ी संख्या में पाए जाने से स्वास्थ्य विभाग भी चिंतित था. बीते कुछ दिनों से सारी के मरीज न मिलने से स्वास्थ्य विभाग की चिंता में मामूली कमी आई थी. इसी दौरान इस माह के अंतिम सप्ताह में सारी बीमारी से निजी अस्पताल में 9 साल के बच्चे ने दम तोड़ा है. शनिवार को मनपा द्वारा मिली रिपोर्ट के अनुसार शहर में सारी के 14 नए मरीज पाए गए है. इन सब की कोरोना टेस्ट कराने  के बाद 4 मरीज कोविड़-19 से संक्रमित पाए गए. शहर में आज तक सारी से पीडितों की संख्या 397 पर जा पहुंची है. उसमें 384  मरीजों की  कोरोना टेस्ट करायी गयी, जिसमें 42 की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव पायी गयी. वहीं, 334 मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव पायी गयी. विशेषकर, सारी बीमारी ने  आज तक शहर में  16 लोगों की जान ली है. इधर, आज तक कोरोना से मरनेवालों का आंकड़ा  70 पर जा पहुंचा है. इसमें 90 प्रतिशत मरीज 50 साल से अधिक उम्र वाले थे. 

मनपा का सर्वे आरंभ 

शहर में 50 साल से अधिक उम्र के लोग कोरोना संक्रमित पाए जा रहे है. ऐसे में मनपा प्रशासक आस्तिककुमार पांड़ेय ने  50 साल से अधिक उम्र के स्वास्थ्य की जानकारी हासिल कर डाटा जमा करने  के लिए एक सर्वे शुरु किया है. इसके लिए मनपा कर्मचारियों के अलावा अन्य विभागों के कर्मचारी व शिक्षकों का सहारा लिया जा रहा है. शनिवार शाम तक मनपा द्वारा वृध्द लोगों का डाटा जमा करने सर्वे के लिए बनाए गए 20 दलों की टीम ने करीब साढ़े तीन हजार नागरिकों का सर्वे किया है. सर्वे में हर घर पहुंचकर 50 साल से अधिक उम्र के लोगों के स्वास्थ्य का डाटा जमा किया जा रहा है. उसमें अधिक तर  वृध्द शुगर, बीपी से पीडित पाए जा रहे है.

27 हजार 483 घरों का सर्वेक्षण

मनपा  के स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने बताया कि आज तक कुल 27 हजार 483 घरों का सर्वेक्षण किया गया. इसमें 3 हजार 487 नागरिक 50 साल से अधिक उम्र के पाए गए. सर्वे कर रहे कर्मचारी हर घर के सदस्यों को  वृध्द लोगों के स्वास्थ्य पर विशेष लक्ष्य केन्द्रीत करने की सलाह दे रहे है. आज तक किए गए सर्वे में करीब 1 हजार नागरिक शुगर, बीपी के अलावा अन्य बीमारियों से पीडि़त पाए गए  है. जो लोग 50 उम्र पार कर चुके है और वे शुगर, बीपी इन गंभीर बीमारियों से पीडि़त है, उन लोगों की  कोविड़ से जान जाने का खतरा अधिक है. इस खतरे को भांपकर ही मनपा प्रशासक आस्तिककुमार पांडेय ने शहर में वृध्द लोगों के स्वास्थ्य की जानकारी हासिल करने के लिए सर्वे शुरु किया है. सर्वे में 182 वृध्दों को स्वास्थ्य जांच के लिए मनपा द्वारा शहर के कई इलाकों में शुरु किए गए फिवर क्लिनिक भेजा गया है. 

30 मई तक कोरोना मुक्त करने का संकल्प नहीं हो पाया पूरा

मनपा प्रशासक आस्तिककुमार पांडेय ने औरंगाबाद शहर को 30 मई तक कोरोना मुक्त करने का संकल्प किया था. यह संकल्प उनका नाकाम साबित हुआ है. मनपा प्रशासन द्वारा कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए हर  तरह के  प्रयास जारी है. खुद प्रशासक पांड़ेय 17 से 18 घंटे काम कर मनपा द्वारा किए जा रहे उपाय योजनाओं पर करीबी से नजर रखें हुए है. इसके बावजूद शहर में कोरोना संक्रमित हर दिन बड़ी संख्या में पाए जाने से प्रशासक पांड़ेय द्वारा 30 मई तक शहर को कोरोना मुक्त करने का संकल्प नाकाम साबित हुआ है. 

व्यापारियों में बढ़ी बेचैनी, प्रशासन व सरकार पर बनाया दबाव 

बारिश का मौसम मुंह पर है. बीते सवा दो माह से व्यापार बंद होने से घर में रहकर व्यापारी वर्ग परेशान हो चुका है. दुकानों व शो रुम पर कार्यरत कर्मचारियों को घर बिठाकर वेतन देने की चिंता व्यापारियों को सता रही है. गत 2 माह से व्यापारियों ने प्रशासन को पूरी तरह सहयोग किया, परंतु अब व्यापारियों के सब्र का बांध टूट रहा है. इसलिए वे  सरकार व प्रशासन पर व्यापार पेठ खोलने को लेकर दबाव बनाए हुए है. जिससे सरकार सहित प्रशासन के आला अधिकारी भी पसोपेश में है. जिला व्यापारी महासंघ के अध्यक्ष जगन्नाथ काले ने कहा कि हमने प्रशासन के हर निर्देश पर पालन करते हुए व्यापार पेठ  गत सवा दो माह से बंद रखा  है. व्यापार पेठ बंद होने से लोगों को रोजगार भी नहीं मिल रहा है. दूसरी तरफ सरकार ने भी व्यापारियों की ओर अनदेखी की है. ऐसे में प्रशासन ने व्यापार पेठ खोलने के लिए इजाजत देनी चाहिए. हम व्यापारियों को कोरोना संक्रमण से बचने के लिए हर तरह के कदम उठायेंगे.