मामूली लक्षण वाले कोरोना बाधितों को घर में ही किया जाएगा क्वारंटाइन

Loading

  • कलेक्टर उदय चौधरी की जानकारी

औरंगाबाद. नागपुर, अमरावती, पुणे जिले की तर्ज पर औरंगाबाद जिले में भी जिन कोरोना बाधित मरीजों के बड़े घर हैं अथवा स्वतंत्र रहने की व्यवस्था है, ऐसे कोरोना बाधित मरीज घर में ही क्वारंटाइन हो सकते हैं. यह जानकारी कलेक्टर उदय चौधरी ने यहां दी.

जिलाधिकारी कार्यालय में जन प्रतिनिधियों के साथ कोरोना परिस्थिति के बारे में बैठक की गई थी. बैठक में सांसद डॉ. भागवत कराड, सांसद इम्तियाज जलील, विधायक हरिभाउ बागडे,अतुल सावे, अंबादास दानवे, प्रदीप जैसवाल, मनपा आयुक्त आस्तिककुमार पांडेय, सीपी चिरंजीव प्रसाद, उपजिलाधिकारी रिता मैत्रेवार उपस्थित थे. कलेक्टर ने कहा कि जिन घरों में सभी सदस्य मामूली लक्षण वाले कोरोना बाधित मरीज हैं और उनका बड़ा मकान है, साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में जिनके खेत में स्वतंत्र रहने की व्यवस्था है, ऐसे सभी कोरोना बाधित मरीजों को घर में क्वारंटाइन होने का पर्याय उपलब्ध कराया गया है. जिससे  प्रशासन पर बढ़ा हुआ तनाव भी कम होगा.

82 प्रतिशत मरीज हुए कोरोना मुक्त

चौधरी ने बताया कि कोरोना महामारी से मुक्त होने का प्रमाण 82 प्रतिशत पर जा पहुंचा है. वहीं, मृत्युदर भी कम हुआ है. नागरिकों में प्रतिकार शक्ति विकसित होने के कारण एंटी बॉडिज जांच यानी सिरो सर्वेक्षण कर 4 से 5 हजार लोगों की टेस्ट की जाएगी. इन टेस्टों की जांच घाटी के प्रयोगशाला में की जाएगी. इस प्रक्रिया को दिल्ली की तर्ज पर अमलीजामा पहनाया जाएगा. इस जांच को वालूज-बजाज नगर महानगर तथा महानगर पालिका क्षेत्र और ग्रामीण इन 3 विभागों में बांटा गया है. इस जांच के लिए रैडम सैम्पलिंग पध्दति से घटकों का चयन कर वैज्ञानिक पध्दति से जांच सहित अभ्यास किया जाएगा. सर्वेक्षण के लिए लगनेवाले सैम्पल जिला परिषद, महानगर पालिका एकत्रित कर  प्रयोग शाला में जांच के लिए भेजे जाएंगे. इस अभ्यास से शहर तथा जिले में कोरोना से संक्रमण का पता चल पाएगा.

115 वार्डों में गठित किए जाएंगे दल

मनपा कमिश्नर आस्तिककुमार पांडेय ने बताया कि शहर के सभी 115 वार्डों में दल तैनात कर समय पर जमा किए हुए सैम्पल सरकारी प्रयोग शाला में भेजे जाएंगे. इस जांच के माध्यम से शहर के सभी घटकों की रैंडमाइज पध्दति से जांच किए जाने की जानकारी पांडेय ने दी. सांसद डॉ. भागवत कराड ने कहा कि कोविड केयर सेंटर में विशेषज्ञ डॉक्टर रोज दौरा करें. जिससे मरीजों की केस हिस्ट्री समझने में मदद होगी. मरीज  का कम समय में स्वास्थ्य बेहतर होगा. घाटी के वैद्यकीय विभाग के रिक्त पदें तत्काल भरने की मांग भी डॉ. कराड ने बैठक में की. सांसद जलील ने कहा कि घाटी अस्पताल में मनुष्य बल का अभाव दिख रहा है. ऐसे में प्रशासन तत्काल विशेषज्ञ डॉक्टरों की  नियुक्ति करे. उन्होंने हर्सूल तालाब की स्टॉक क्षमता बढ़ाने की मांग की.