मुंबई के मरीजों की सेवा में जूटी है औरंगाबाद की डॉ. शेख सादिया

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– रमजान ईद पर भी नहीं पहुंची घर 

औरंगाबाद. कोरोना संकट के इस दौर में प्रमुख यौध्दा के रुप में राज्य के डॉक्टर बेहतर भूमिका निभा रहे है. मरीजों पर बेहतर इलाज कर उनकी जान गंवाने में डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मी दिन-रात  मरीजों की सेवा में जूटे हैं. उन्हीं में से औरंगाबाद निवासी डॉ. शेख सादिया अलमास जो एमएस-सीएनटी की डिग्री हासिल करने मुंबई में है. कोरोना संकट की इस घडी में डॉ. शेख सादिया मुंबई मनपा के अंतर्गत चलाए जानेवाले नायर अस्पताल में निवासी डॉक्टर के रुप में मरीजों को सेवा दे रही है.जो इन दिनों मुंबई मनपा प्रशासन ने नायर अस्पताल को कोरोना संक्रमितों पर इलाज के लिए कोविड सेंटर बनाया  है.

डॉ. शेख सादिया अलमास के पिता शेख वहीद जो सार्वजनिक निर्माण विभाग में राजपत्रित अधिकारी है. उन्होंने नवभारत को बताया कि हमने रमजान ईद पर बेटी डॉ. शेख सादिया को घर आने का न्यौता दिया था. 

लोगों की सेवा में जूटी रहूंगी

रमजान ईद मुस्लिम समुदाय के प्रमुख दो त्यौहार में से एक प्रमुख त्यौहार है. इस न्यौता को मेरी बेटी डॉ. सादिया ने नकारते हुए कहा कि मुंबई सेन्ट्रल में स्थित नायर अस्पताल में बनाए गए कोविड सेंटर में इलाज के लिए भर्ती कोरोना संक्रमित मरीजों की सेवा में मैं जूटी हुई हूं. यहां हर रोज सैकड़ों कोरोना संक्रमित मरीज इलाज के लिए आ रहे है. उनकी सेवा में जूटे होने से मैं बहुत प्रसन्न हूं. मरीजों की सेवा छोड़कर रमजान ईद के लिए औरंगाबाद आना मेरे मन को खाया जा रहा है. इसलिए मैं औरंगाबाद न आते हुए लोगों की सेवा में जूटी रहूंगी. 

बेटी पर गर्व 

डॉ. शेख सादिया अलमास के पिता शेख वहिद ने नवभारत को बताया कि हमें भी हमारी बेटी द्वारा मरीजों की जा रही सेवा पर गर्व  हैं, इसलिए हम दोनों माता-पिता ने उसकी बात पर हामी भरते हुए रमजान ईद पर अपने पैतृक औरंगाबाद शहर न आते हुए मुंबई में ईद सादगी से मनाकर मरीजों की सेवा में जूटे रहने की सेवा का पूरा समर्थन किया. शेख वहिद ने बताया कि मेरी बेटी डॉ. सादिया गत 3 माह से मुंबई के मरीजों की सेवा में जूटी है. पहले वह मुंबई के कस्तूरबा अस्पताल में बनाए गए कोविड सेंटर में कार्यरत थी, अब वह  नायर अस्पताल के कोविड सेंटर में मरीजों की सेवा में जूटी हुई है.