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    औरंगाबाद. गत वर्ष कोरोना महामारी (Corona Epidemic) ने देश सहित औरंगाबाद (Aurangabad) में बड़े पैमाने पर पांव पसारने के बाद मरीजों की सेवा में जूटे रहे हेल्थ वर्कर तथा फ्रंट लाइन वर्करों को  सरकार द्वारा सबसे पहले कोरोना टीके लगाए गए। इनमें  स्थानीय सरकारी घाटी अस्पताल की डीन डॉ. कानन येलीकर (Dean Dr. Kanan Yelikar) ने कोरोना महामारी से बचने के लिए दो टीका (Vaccination) लगाए थे। इसके बावजूद वह शुक्रवार शाम कोरोना पॉजिटिव (Corona Positive) पाई गई है। उनका इलाज शहर के निजी अस्पताल एमजीएम में जारी है। डॉ. येलीकर निजी अस्पताल में भर्ती होने को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। 

    मिली जानकारी के अनुसार, बीते दो दिन से डॉ. कानन येलीकर खांसी और बुखार से पीडि़त थी। शुक्रवार को डॉ. येलीकर ने अपना स्वैब जांच के लिए भेजा, तब उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव पायी गयी।

    उसके बाद वह इलाज के लिए निजी अस्पताल एमजीएम में भर्ती हुई है। सरकारी अस्पताल घाटी की डीन निजी अस्पताल में भर्ती होने को लेकर आश्चर्य जताया जा रहा हैं,  इस पर स्पष्टीकरण देते हुए डॉ. कानन येलीकर ने बताया कि घाटी अस्पताल के सभी बेड ऑक्सीजन युक्त है। वर्तमान में मुझे ऑक्सीजन की जरुरत नहीं है। घाटी अस्पताल के बेड जरुरत मंद मरीजों को मिले, इसलिए मैंने अपना इलाज घाटी के बजाए निजी अस्पताल एमजीएम में  कराने का निर्णय लिया है।