औरंगाबाद. गरीब मराठा समाज को न्याय देने का समय आया है। ओबीसी (OBC) और अन्य पिछड़ी जाति के लोगों को जिस तरह सहुलियतें दी जाती, उसी तरह की सहुलियतें मराठा समाज के गरीब लोगों को दी जाए, यह मेरी भूमिका है। राज्य के नेताओं ने राजनीति से परे रहकर वे मराठा समाज के लिए क्या करेंगे, यह स्पष्ट करें। यह प्रतिक्रिया सांसद छत्रपति संभाजी राज (MP Chhatrapati Sambhaji Raje) ने यहां दी।
मराठा समाज को आरक्षण देने के राज्य सरकार के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने रद्द करने के बाद मराठा समाज में बेचैनी है। मराठा समुदाय के गरीब लोगों के लिए सरकार ने क्या करना चाहिए, इसको लेकर मराठा समुदाय के मत जानने सांसद छत्रपति संभाजी राजे बुधवार को औरंगाबाद दौरे पर थे। तब उन्होंने मीडियाकर्मियों से बातचीत में सत्ताधारी और विरोधियों से अपील करते हुए कहा कि इस मामले में सभी दलों ने राजनीतिक भूमिका छोड़कर मराठा समाज के लिए अपनी भूमिका स्पष्ट करनी चाहिए।
मेरी अंतिम भूमिका मैं शुक्रवार को स्पष्ट करुंगा
उन्होंने राजनेताओं से सवाल करते हुए कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज तथा राजर्षि शाहु महाराज ने जो रचना की थी, वह रचना क्या महाराष्ट्र को लागू नहीं होती। मैं पूरे राज्य का दौरा कर मराठा समुदाय के भावनाओं को जानने में जूटा हूं। इसलिए मैं आज औरंगाबाद पहुंचा हूं। मराठा समुदाय को आरक्षण को लेकर मैं कई कानून तज्ञों एवं उस पर अभ्यास करनेवालों से मिल रहा हूं। मेरी अंतिम भूमिका मैं शुक्रवार को स्पष्ट करुंगा। उन्होंने कहा कि जो राज्य के हाथ में है, वह राज्य तथा केन्द्र के जो हाथ में जो हैं, वह दोनों सरकारों ने कर मराठा आरक्षण का प्रश्न हल करें। आरक्षण के मामले पर सालों से हल न निकलने से मराठा समाज में बेचैनी है, उस बेचैनी को जानने ही मैं राज्य का दौरा कर रहा हूं। आरक्षण के लिए 58 मोर्च राज्य भर निकले, 42 युवकों ने आरक्षण के लिए अपना बलिदान दिया। इसके बावजूद यह विषय समाप्त नहीं हुआ है। सरकार को सब पता है। फिर एक बार लोगों को परेशान करना इस विचार का मैं नहीं हूं। मैं शिवशाही का वंशज हूं, इसलिए आम आदमी की फ्रिक करना यह मेरा कर्तव्य है।
…तो समाज के समक्ष सड़क पर उतरकर आंदोलन करने के अलावा कोई चारा नहीं
कोरोना संकट के कारण मैं लोगों की जान खतरे में डालना नहीं चाहता,आंदोलन करें या ना करें, यह बाद का प्रश्न है। सरकार मराठा समुदाय को आरक्षण देने को लेकर कोई पहल नहीं करती हैं तो समाज के समक्ष सड़क पर उतरकर आंदोलन करने के अलावा कोई चारा नहीं हैं। यह चेतावनी भी सांसद छत्रपति संभाजीराजे ने यहां दी। सरकार के हाथ में सभी बातें है। इसलिए सबसे पहले जिम्मेदारी राज्यकर्ताओं की है। मेरे साथ साथ सभी सांसद, विधायक, मंत्री, मुख्यमंत्री, विरोधी दल के नेता की है। जिस तरह सरकार अन्य बहुजन समाज के लोगों को न्याय दे रहें हैं, उसी तरह का न्याय मराठा समाज के 30 प्रतिशत गरीब समाज को दें। यह मांग संभाजीराजे ने की। जल्द ही मैं मराठा समुदाय को आरक्षण देने के मामले में एनसीपी प्रमुख शरद पवार, मुख्यमंत्री ठाकरे, विरोधी पक्ष नेता देवेन्द्र फडणवीस से मिलूंगा।