MP Dr. Bhagwat Karad

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    औरंगाबाद. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) से हजारों किसान (Farmers) वंचित है। औरंगाबाद जिले (Aurangabad District) में 8 लाख खाता धारक किसान होने के बावजूद सिर्फ 1 लाख 35 हजार किसानों को बीमा का लाभ मिला है। इसके विपरित जिले में कई स्थानों पर अतिवृष्टि से फसलों का नुकसान हुए किसानों की संख्या काफी अधिक है। बीमा सिर्फ 10 से 15 प्रतिशत किसानों को मिला। यह आरोप सांसद डॉ. भागवत कराड (MP Dr. Bhagwat Karad) ने यहां लगाया।

    फसल बीमा को लेकर सांसद डॉ. कराड ने कृषि सहसंचालक डीएल जाधव, जिला कृषि अधीक्षक टीएस मोटे, उदय देवलाणकर, कृषि सांख्यिकी, एचडीएफसी के बीमा प्रतिनिधि आरके भिंगारे के साथ बैठक की। बैठक में उन्होंने यह आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इसको लेकर वे राज्य सरकार से पत्र व्यवहार करेंगे, विभागीय आयुक्त को ज्ञापन सौंपेंगे। 

    डॉ. कराड ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए राज्य सरकार ने तीन साल का करार नहीं किया। वर्तमान में 7 साल का औसत  उत्पन्न आधार लिया जा रहा है। उसमें गत दो साल सूखे में गुजरे। जिससे उत्पादन का ग्राफ घट रहा है। इस योजना के लिए कृषि, राजस्व खाता तथा निजी बीमा कंपनी की ओर से अमलीजामा पहनाया जाता। इसमें बीमा योजना का नियंत्रण राज्य सरकार के पास है। औरंगाबाद जिले में एचडीएफसी ईर्गो इस बीमा कंपनी ने कम से कम 8 लाख खाते धारक किसानों से बीमा के ऐवज में 38 करोड़ जमाकर लिए है, लेकिन इसके विपरित बीमा का लाभ एक लाख तीस हजार किसानों को सिर्फ 42 करोड़ रुपए का मिला। असलियत में अतिवृष्टि से जिले के कन्नड, गंगापुर, वैजापुर इन तहसील के कई गांवों में फसलों का बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। मराठवाड़ा में हुए नुकसान का सीएम ठाकरे, एनसीपी प्रमुख शरद पवार सहित विधान परिषद के विरोधी पक्ष नेता प्रवीण दरेकर ने नुकसान पीडि़त परिसर का दौरा  किया था। औरंगाबाद जिले में बड़े पैमाने पर कपास, मक्का, सोयाबीन तथा अन्य फसलों का बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ था। आपदा निवारण निधि से मामूली आर्थिक मदद मिली। अब बीमा कंपनियों से किसानों को पूर्ण रुप से नुकसान भरपाई मिले, यह मांग किसानों द्वारा जारी होने की जानकारी  सांसद डॉ. कराड ने बैठक में दी।