औरंगाबाद. शहर के कांचनाडी में स्थित छत्रपति शाहू महाराज शिक्षण संस्था की ओर से शिवराज्याभिषेक दिन के उपलक्ष्य में संस्था के सचिव पदमाकर मुले, विश्वस्त समीर मुले के हाथों छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रतिमा पूजन किया गया। इस अवसर पर उद्योजक पदमाकर मुले ने छत्रपति शिवाजी महाराज का आदर्श सामने रखकर युवक अपने ध्येय को हासिल करें यह प्रतिपादन किया।
6 जून 1674 महाराज्याभिषेक के समारोह का मंगल दिन के रुप में मनाया जा रहा है। रायगड़ पर 6 जून को शिवाजी महाराज ने गागाभटट से अपना राज्याभिषेक कराया था। राज्यभिेषक समारोह के लिए उन्होंने 32 मन के सोने का सिंहासन बनाया था। कई देशी और विदेशी राजाओं व सरदारों के उपस्थिति में यह समारोह संपन्न हुआ था। स्वाभिमान के साक्षात मूर्ति वाले शिवाजी महाराज आज ही के दिन छत्रपति हुए थे। पूरे संसार को राजा मिला था। पिता के साया में नहीं, बल्कि खुद के मावलों के मदद से संसार में अपनी एक अलग पहचान बनाए शिवाजी महाराज राजा बने। वे स्वयंघोषित नहीं, बल्कि जनघोषित छत्रपति बने।
इन शब्दों में शिवराज्याभिषेक दिन के उपलक्ष्य में उद्योजक पदमाकर मुले ने अपनी प्रतिक्रिया दी। कार्यक्रम का समापन महाराष्ट्र गीत एवं राष्ट्रगीत के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर सीएसएमएसएस के प्रशासकीय अधिकारी डॉ. श्रीकांत देशमुख, डॉ. सुभाष भोयर, डॉ. दत्तात्रय शेलके, डॉ. उल्हास शिंदे, प्रा. गणेश डोंगरे, डॉ. अशोक आहेर, राज तांबे, संजय वालुंज पाटिल तथा कई विभाग प्रमुख उपस्थित थे।