किसी भी बीमारी के लक्षण दिखाई देते ही तुरंत इलाज कराएं

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  • संभागीय आयुक्त सुनील केंद्रकर की औरंगाबाद वासियो से अपील 
  • हेल्थ  प्रणाली सुसज्जित, प्रशासनिक प्रणाली में भी समन्वय

औरंगाबाद. कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए प्रशासन मजबूत स्थिति में है. एक दूसरे के साथ समन्वय में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी जिले में बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं, लेकिन नागरिकों को भी प्रशासन के साथ सहयोग करना चाहिए और आत्म अनुशासन के माध्यम से कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए आगे आना चाहिए. इसके अलावा, डिवीजनल कमिश्नर सुनील केंद्रकर ने लोगों से अपील की कि वे किसी भी तरह की बीमारी के लक्षण दिखाई देते ही तत्काल इलाज कराये.

औरंगाबाद जिले में राजस्व, निगम, पुलिस और स्वास्थ्य एजेंसियों द्वारा किए जा रहे उपायों के संबंध में जिलाधिकारी कार्यालय के नियोजन हॉल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई. जिला कलेक्टर उदय चौधरी, नगर आयुक्त आस्तिक  कुमार पांडे, पुलिस आयुक्त चिरंजीव प्रसाद, सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की डीन  डॉ. कानन येलिकर, जिला सर्जन डॉ. सुंदर कुलकर्णी, अपर मंडल आयुक्त डॉ. विजय कुमार फड, म्हाडा प्रमुख अन्नासाहेब शिंदे, उपायुक्त वर्षा ठाकुर, डिप्टी कलेक्टर रीता मैत्रेवार, डिप्टी कलेक्टर सरिता सुत्रवे, फार्माकोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. मीनाक्षी भट्टाचार्य उपस्थित थे.

नागरिकों को घबराना नहीं चाहिए 

संभागीय आयुक्त केंद्रेंकर ने कहा कि मराठवाड़ा में कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे है. मराठवाड़ा में अन्य जिलों के साथ, मैं औरंगाबाद शहर, वालूज  क्षेत्र पर पूरा ध्यान दे रहा हूं और सभी प्रणालियां कुशलता से काम कर रही हैं. नागरिकों को इस कोरोना महामारी के क्षेत्र में घबराना नहीं चाहिए, बल्कि सरकार के निर्देशों का सख्ती से पालन करना चाहिए. प्रशासन आपसी समन्वय के माध्यम से अधिक कुशलता से काम कर रहा है. मैंने कई क्षेत्रों में सीधे जाकर लोगों में जागरूकता पैदा करने की कोशिश की है.

कोरोना बीमारी गंभीर 

केंद्रेकर ने कहा कि कोरोना रोग गंभीर है, लक्षण दिखाई देते ही नागरिकों को तत्काल चिकित्सा सलाह लेनी चाहिए. जिले में कई स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हैं. लगभग 3 हजार रोगियों का संस्थागत पृथक्करण हो सकता है, इतना औरंगाबाद नगर निगम ने नियोजन किया है. कोरोना बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए सभी एजेंसियों को प्रशासनिक स्तर पर उपाय करने के लिए निर्देशित किया गया है. सभी अधिकारी, कर्मचारी कोविड योद्धा बड़ी संख्या में स्वास्थ्य सुविधाएं, उपचार प्रदान करने पर जोर दे रहे हैं. जिले के ज्यादातर कोरोना मरीज घर वापस आ गए हैं. हालांकि, कुछ लोग अभी भी कोई सावधानी नहीं बरत रहे हैं,  जिससे दूसरों को बहुत जोखिम हो सकता है. इसलिए प्रत्येक नागरिक को अपनी जिम्मेदारी को पहचानना चाहिए और दूसरों को जगाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.उन्होंने यह भी कहा कि नागरिकों द्वारा स्वैच्छिक रूप से मास्क का उपयोग करने, दूरी बनाए रखने, बार-बार हाथ धोने, भीड़ से बचने आदि की आदत डाली जानी चाहिए.

सभी एजेसियां समन्वय से काम कर रही: कलेक्टर चौधरी 

जिला कलेक्टर उदय चौधरी ने प्रशासनिक स्तर पर किए जा रहे विभिन्न उपायों, अधिकारियों और कर्मचारियों के प्रदर्शन, विभिन्न विभागों के बीच समन्वय आदि के बारे में बताया. साथ ही औरंगाबाद जिले में कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए सभी एजेंसियां समन्वय में काम कर रही हैं. उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन स्वास्थ्य प्रणाली को सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने और इस बात का ध्यान रखने पर ध्यान दे रहा था कि कोई भी मरीज इलाज से वंचित न रहे. नगर आयुक्त आस्तिक कुमार पांडे ने औरंगाबाद शहर में दी जाने वाली सुविधाओं, नागरिक भागीदारी के बारे में भी जानकारी दी. उन्होंने नगर निगम में 24 घंटे वॉर रूम और शहर में बड़े पैमाने पर परीक्षण किए जाने की भी जानकारी दी. आने वाले समय में इन परीक्षणों को और बढ़ाया जाएगा. वर्तमान में शहर में स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन अगर मौजूदा स्थिति नियंत्रण से बाहर हो जाती है, तो कर्फ्यू लगाने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा.ये बात भी पांडे ने कही.

नागरिकों को अपने-अपने क्षेत्रों में पहल करनी चाहिए : पुलिस आयुक्त

पुलिस आयुक्त चिरंजीव प्रसाद ने कहा कि शहर में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी नागरिकों को अपने-अपने क्षेत्रों में पहल करनी चाहिए ताकि लोगों के बीच जागरूकता पैदा हो सके ताकि कोरोना के प्रसार को रोका जा सके. उपस्थित अन्य अधिकारियों ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में उठाए जाने वाले विभिन्न उपायों पर मीडिया को जानकारी दी.इसमें उपायुक्त श्रीमती ठाकुर ने कहा कि कोरोना महामारी हम सभी के लिए एक नई चुनौती थी. हर दिन नई चुनौतियां सामने आती रहीं.कोरोना रोग का डर सभी क्षेत्रों में व्यापक था. इस बीमारी की आशंका राजस्व विभाग से लेकर आम आदमी तक सभी विभागों में थी, लेकिन जिला स्वास्थ्य विभाग ने आज तक कई मरीजों को कड़ी मेहनत के माध्यम से ठीक किया है. इसने औरंगाबाद जिले के नागरिकों की आशंकाओं को दूर कर दिया. हालांकि, श्रीमती ठाकुर ने मीडिया से इन सकारात्मक पहलुओं को लोगों के सामने लाने और लोगों की आशंकाओं को दूर करने की अपील की.