संपत्तियों की रजिस्ट्री से सरकार को मिला 4.86 करोड़ का राजस्व

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औरंगाबाद. लॉकडाउन के चलते 22 मार्च से 7 मई तक संपत्तियों की खरीदी बिक्री का व्यवहार पूरी तरह बंद था. उसके बाद बीते 8 मई को रजिस्ट्री करने के कामकाज शुरु होने पर गत 21 दिनों में सह जिला निबंधक तथा मुद्रांक कार्यालय द्वारा सरकारी तिजोरी में 4 करोड़ 86 लाख 29 हजार 129 रुपए का राजस्व जमा होने की जानकारी सह जिला निबंधक तथा मुद्रांक जिलाधिकारी दीपक सोनवने ने दी.

उन्होंने बताया कि बीते 21 दिनों में जिले के कुल 13 दुय्यम निबंधक कार्यालय में कुल 1149 संपत्तियों की रजिस्ट्री का पंजीकरण हुआ. उससे मुद्रांक शुल्क के रुप में सरकारी तिजोरी में 4 करोड़ 12 लाख 21 हजार 29 रुपए जमा हुए. वहीं, पंजीकृत शुल्क के  रुप में 85 लाख 7 हजार रुपए जमा हुए है. इस तरह कुल 4 करोड़ 86 लाख 29 हजार 129 रुपए का राजस्व सरकार की तिजोरी में जमा होने की जानकारी दीपक  सोनवने ने दी.

शहर से अधिक तहसील क्षेत्रों  से मिला राजस्व

लॉकडाउन के दरमियान शहर व जिले के सभी तहसीलों में 1149 संपत्तियों के खरीदी बिक्री को लेकर रजिस्ट्री हुई. इसमें औरंगाबाद क्र. 1 में 25 संपत्तियों की  रजिस्ट्री से  11 लाख 54 हजार 820 रुपए. औरंगाबाद क्र. 2 में 33 संपत्तियों की  रजिस्ट्री  से 24 लाख 25 हजार 120  रुपए. औरंगाबाद क्र. 3 में 38 संपत्तियों की  रजिस्ट्री से 35 लाख 2 हजार 710  रुपए. फुलंब्री तहसील में 74 रजिस्ट्री से 15 लाख 4 हजार 460 रुपए. औरंगाबाद क्र. 5 में 41 संपत्तियों की रजिस्ट्री से 46 लाख 50 हजार.औरंगाबाद क्र. 6 में 89 रजिस्ट्री से 1 करोड़ 62 लाख 1 हजार 549 रुपए. सिल्लोड तहसील में 163 संपत्तियों की रजिस्ट्री से 28 लाख 42 हजार 460  रुपए. पैठण तहसील में 184 रजिस्ट्री से 52 लाख 4 हजार 980 रुपए. गंगापुर तहसील में 103 रजिस्ट्री से 32 लाख 96 हजार 210 रुपए. वैजापुर तहसील मेें 112 रजिस्ट्री से 58 लाख 50 हजार 190 रुपए. कन्नड तहसील में 139 रजिस्ट्री से 41 लाख 37 हजार 739 रुपए का  राजस्व जमा होने की जानकारी दीपक सोनवने ने दी.