औरंगाबाद. इन दिनों जारी कोरोना की दूसरी लहर में शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के पोस्ट कोविड मरीजों में म्यूकोरमायकोसिस बीमारी के लक्षण बड़े पैमाने पर दिखाए दे रहे है। इस बीमारी पर इलाज के लिए महंगे इंजेक्शन उपलब्ध है। इन इंजेक्शनों के कालाबाजारी के चलते फिर खर्चीले इलाज मरीजों के लिए सिरदर्द बना है इसलिए राज्य सरकार तत्काल दवाइयों की कालाबाजारी पर नियंत्रण लगाकर मरीजों पर ज्योतिबा फुले जीवनदायी योजना से उपचार कराए। यह मांग भाजपा सांसद डॉ. भागवत कराड ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Chief Minister Uddhav Thackeray) को एक ज्ञापन भेजकर की।
ज्ञापन में डॉ. कराड ने बताया कि पोस्ट कोविड से पीडित मरीजों की प्रतिकार शक्ति कम होने के बाद म्यूकोरमायकोसिस बीमारी होने के आसार है। इसलिए इस बीमारी पर राज्य सरकार ने तत्काल नियंत्रण पाने के लिए कड़े कदम उठाने की जरुरत है। डॉ. कराड ने बताया कि म्यूकोरमायकोसिस बीमारी से मरीज के नाक, आंखें व दीमाग पर असर होता है। कई मरीज इस बीमारी से दृष्टिहिन हो चुके हैं। औरंगाबाद में बीते एक पखवाड़े इस बीमारी ने बड़े पैमाने पर पांव पसारे है।
यह बीमारी से मरीजों की प्रतिकार शक्ति कम करती है। प्रतिकिार शक्ति कम होने पर म्यूकोरमायकोसिस बीमारी अधिक होने के आसार है। इस बीमारी से लोगों में डर का माहौल बना हैं। विशेष रुप से इन मरीजों को दी जानेवाली औषधी तथा इंजेक्शन काफी महंगे है। एम्फोटेसीरीन, ओक्टाप्लेक्स, अम्फोनेक्स अम्फोलीफ आदि दवाइयों की कालाबाजारी होने से आम मरीजों को काफी तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए पूर्ण रुप से म्यूकोरमायकोसिस मरीजों पर सरकारी महात्मा ज्योतिबा फुले योजना से मुफ्त उपचार करने की मांग सांसद डॉ. भागवत कराड ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भेजे ज्ञापन में की।