कोविड-19 के मरीजों को ज्योतिबा फुले जीवनदायी स्वास्थ्य योजना का लाभ दे सरकार

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– सांसद डॉ. कराड की सीएम ठाकरे से मांग

औरंगाबाद. कोविड-19 के मरीजों को महात्मा ज्योतिबा फुले जीवनदायी स्वास्थ्य योजना में शामिल करे तथा इस योजना में एआरडीएस की आर्थिक मियाद 65 हजार से बढ़ाकर डेढ़ लाख रुपए करने की मांग भाजपा के राज्यसभा सांसद डॉ. भागवत कराड ने मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे को एक ज्ञापन भेजकर की.

ज्ञापन में सांसद डॉ. कराड ने बताया कि औरंगाबाद शहर तथा जिले में कोरोना कहर बरपा रहा है. वर्तमान में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 5 हजार पार कर चुका है. 238 मरीजों ने अब तक इस महामारी से अपनी जान गंवायी है. शहर व जिले में हर दिन डेढ़ सौ से दो सौ मरीज पाए जा रहे है. सभी मरीजों पर सरकारी घाटी व जिला अस्पताल में इलाज जारी है. बड़े पैमाने पर कोरोना मरीज पाए जाने से मरीजों को सरकारी अस्पताल में बेड व स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही है. जिससे परेशान होकर गरीब व मध्यम परिवार के मरीज निजी अस्पताल में इलाज के लिए पहुंच रहे है.

सीएम ठाकरे को भेजा ज्ञापन 

 सरकारी अस्पतालों में मरीजों पर मुफ्त इलाज जारी है. उन मरीजों के इलाज पर महात्मा ज्योतिबा फुले योजना से पैसा खर्च किया जाता है, परंतु निजी अस्पताल इस जीवनदायी योजना के बारे में उतने सकारात्मक नहीं है. ऐसे में राज्य सरकार ने सभी निजी अस्पतालों  में इलाज करा रहे कोविड-19 मरीजों पर ज्योतिबा फुले स्वास्थ्य  योजना में इलाज कराने के लिए निर्णय लेने की मांग सांसद डॉ. भागवत कराड ने  सीएम ठाकरे को भेजे ज्ञापन में की. सांसद कराड ने ज्ञापन में बताया कि बीते दिनों राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने औरंगाबाद में ली  बैठक में निजी अस्पतालों में इलाज करा रहे मरीजों का खर्च ज्योतिबा  फुले स्वास्थ्य योजना से करने  का निर्णय लिया था. उसके तहत एआरडीएस के मरीजों के लिए 65 हजार रुपए बिल तक मंजूरी मिली है. यह रकम काफी कम है, इसमें बढ़ोत्री कर यह रकम डेढ़ लाख रुपए करने की मांग सांसद डॉ. कराड ने सीएम ठाकरे को भेजे ज्ञापन में की. सांसद कराड ने सीएम को बताया कि शहर के कई परिवारों में कई मरीज कोरोना बाधित है. लॉकडाउन काल में कई लोगों को रोजगार छिन गया है. जिससे मरीज आर्थिक अड़चनों का सामना कर रहा है. इसलिए यह निर्णय गरीब व मध्यम परिवार के मरीजों के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा.