मराठवाड़ा के 217 उद्योगों को पीएसआई योजना के अंतर्गत अनुदान वितरित

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  • सीएमआईए के प्रयासों को सफलता

औरंगाबाद. मराठवाडा के औरंगाबाद, जालना, बीड और उस्मानाबाद के पैकेज स्कीम ऑफ इनसेनटिवज यानी पीएसआई योजना के अंतर्गत अनुदान प्राप्त करने 217 सुक्ष्म-लघु और मध्यम उद्योजकों ने डीआईसी और उद्योग सह संचालक औरंगाबाद के पास आवेदन किया था. गत वर्ष दिसंबर माह से चालू वर्ष के मई माह तक  उन उद्योजकों को अनुदान  वितरित  किया गया. यह जानकारी चेंबर ऑफ मराठवाडा इंडस्ट्रीज एंड एग्रीकल्चर के यानी सीएमआईए के अध्यक्ष कमलेश धूत तथा मानद सचिव सतीश लोणीकर ने दी.

उद्योग मंत्री से मुलाकात कर बनाया दबाव

उन्होंने बताया कि इन उद्योजकों को पीएसआई योजना के अंतर्गत अनुदान प्राप्त कराने के लिए सीएमआईए के पदाधिकारी गत कई माह से पालकमंत्री सुभाष देसाई तथा उद्योग सचिव के कार्यालय से पत्रव्यवहार कर रहे थे. बल्कि, सीएमआईए के पदाधिकारियों ने समय-समय पर उद्योगमंत्री से मुलाकात कर पीएसआई योजना के अंतर्गत उद्योजकों को अनुदान देने के लिए दबाव बनाया था. कमलेश धूत ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते मराठवाडा विभाग के कई उद्योजकों को अपने उत्पादन बंद करने पड़े थे. जिससे उद्योजक आर्थिक संकटों से जुझ रहे थे. ऐसे में उद्योजकों को पीएसआई योजना के अंतर्गत अनुदान मिलने से उन्हें राहत मिली है. मानद सचिव सतीश लोणीकर ने बताया कि दिसंबर 2019 से मई 2020 के समयावधि के अंतर्गत अनुदान प्राप्त हुए इन लाभार्थी उद्योगों में औरंगाबाद उद्योग सह संचालक ने सिफारिश की 42 उद्योग, डीआईसी ने सिफारिश किए 122, डीआईसी जालना ने सिफारिश किए 24 उद्योग, डीआईसी बीड ने सिफारिश किए 19 और उस्मानाबाद डीआईसी ने सिफारिश किए 10 उद्योग शामिल है.

मूलभूत सुविधाएं व औद्योगिकरण को देना होगा बढ़ावा

सीएमआईए के अध्यक्ष कमलेश धूत ने बताया कि विकास, मूलभूत सुविधाएं और औद्योगिकीकरण में मराठवाडा क्षेत्र राज्य में सबसे पिछड़ा क्षेत्र है. मराठवाडा को विकसित करने के लिए मूलभूत सुविधाएं और औद्योगीकीकरण को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने की जरुरत है. सुक्ष्म-लघु और मध्यम उद्योगों को लागू सरकारी योजनाओं तथा कानून में योग्य बदलाव लाने,  सिफारिश करने  एवं  सुधारना पर सीएमआईए हमेशा प्रयासरत है. कमलेश धूत व सतीश लोणीकर ने कहा कि लॉकडाउन काल में सीएमआईए द्वारा जारी अपील के चलते हम फिर एक बार सरकार से मांग करते हैं कि वे उद्योगों को बढ़ावा देने उद्योजकों को मदद करे. तब जाकर एमएसएमई उद्योग पूरी तरह कार्यरत होने में मदद मिलेंगी. साथ ही मराठवाडा के औद्योगिक उत्पादन को गति भी मिलेंगी.