Jalil

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    औरंगाबाद. हाल ही में संसद में केन्द्र सरकार (Central Government) द्वारा आगामी आर्थिक वर्ष के लिए  रेल बजट (Railway budget) पेश किया गया। रेल बजट में साउथ सेन्ट्रल रेलवे को 6 हजार 798 करोड़ रुपए मंजूर किए गए। इस पर साउथ सेन्ट्रल रेलवे विभाग के अधिकारियों ने खुशी मनायी थी, लेकिन इस विभाग के अंतर्गत आनेवाले मराठवाड़ा (Marathwada) के नांदेड डिजीजन के साथ रेल मंत्रालय ने अन्याय करते हुए सिर्फ 98 करोड़ 75 लाख 2 हजार की राशि मंजूर किए जाने पर औरंगाबाद (Aurangabad) के सांसद इम्तियाज जलील (MP Imtiaz Jalil) ने कड़ी नाराजगी जताते हुए इतनी कम रकम मराठवाड़ा के इस  डिवीजन को दिए जाने पर आश्चर्य जताया है। 

    सोमवार को संसद में शून्य काल के दौरान सांसद इम्तियाज जलील ने रेल बजट में मराठवाडा के साथ किए अन्याय का मुद्दा उठाते हुए बताया कि जिस दिन रेल बजट पेश किया गया था, उसके दूसरे दिन महाराष्ट्र के सभी प्रमुख अखबारों ने मराठवाड़ा के साथ रेल मंत्रालय ने किए अन्याय पर प्रकाश डालते हुए कड़ी नाराजगी जताई थी। सांसद जलील ने बताया कि साउथ सेन्ट्रल रेलवे में सबसे अधिक मुनाफा देनेवाला मराठवाडा का नांदेड डिवीजन है। उसके साथ अन्याय किए जाने का आरोप लगाते हुए उन्होंने बताया कि नांदेड डिवीजन को दी गई कुल रकम टोटल रेल बजट की मायनस टू प्रतिशत से भी कम राशि है।

    परभणी-मनमाड डबल लाइन जरुरी 

    सांसद जलील ने संसद में बताया कि नांदेड डिवीजन में परभणी से मनमाड डबल लाइन होना अति आवश्यक है। इसके लिए मराठवाड़ा के जन प्रतिनिधि सालों से प्रयास कर रहे है। मराठवाड़ा के विकास के लिए  यहां डबल लाइन जरुरी है। सालों से प्रयास के बाद  सन 2013-14 में रेलवे के ब्ल्यू बुक के अंदर इस कार्य को शामिल किया गया था। उसके 5 साल बाद यह बात सामने आए कि उसे शेल्फ कर दिया गया है। यह वह क्षेत्र हैं, जहां रेलवे के  कुल मुनाफा में ढ़ाई प्रतिशत मुनाफा इस डिवीजन से मिलता है। सालों बाद भी परभणी-मनमाड डबल लाइन क्यों नहीं दी जा रही है, इस पर सांसद जलील ने सख्त नाराजगी जताते हुए कहा कि आगामी आर्थिक वर्ष के पेश किए बजट में हमें उम्मीद थी कि रेल मंत्रालय परभणी-मनमाड डबल लाइन को मंजूरी देगा,  पर इस बार भी हमें निराशा हाथ लगी।

    औरंगाबाद-चालीसगांव रेल लाइन होगी कब?

    सांसद जलील ने औरंगाबाद से चालीसगांव 88 किलोमीटर रेल लाइन बिछाने के काम की अनदेखी पर भी कई प्रश्न उठाते हुए हुए कहा कि सालों से इस रेल लाइन का काम शुरु नहीं हो पाया है। यह लाइन औरंगाबाद के विकास के लिए जरुरी है क्योंकि औरंगाबाद में डीएमआईसी के अलावा समृध्दि महामार्ग गुजरनेवाला है, ड्राई पोर्ट जालना में आने वाला है, इससे बड़े पैमाने पर फायदा रेलवे विभाग को होगा। लेकिन रेल मंत्रालय इस महामार्ग के कार्य को अनेदखी कर रहा है, इस पर भी जलील ने कड़ी नाराजगी जताई।

    मराठवाडा के साथ जारी हैं सालों से नाइंसाफी 

    जलील ने रेल बजट में मराठवाडा के साथ जारी अन्याय पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि रेल विभाग के आरओआर रेट के हिसाब से लेंगे तो इस विभाग को कभी भी इंसाफ नहीं मिलेगा। मराठवाड़ा सालों से पिछड़ा है। रेल विभाग  इस विभाग पर अनेदखी करेगा तो यह क्षेत्र कभी भी विकसित नहीं हो पाएगा। मोदी सरकार द्वारा दिए जानेवाले सबका साथ सबका विकास के नारे का जिक्र करते हुए सांसद जलील ने सवाल किया कि सरकार मराठवाडा जैसे पिछड़े क्षेत्र का विकास कब करेंगी?। सालों से औरंगाबाद को नयी लाइन नहीं मिली है, इस पर भी जलील ने रेल मंत्रालय को कोसा।